बुद्धाब्द आम्बेडकर सन/आम्बेडकराब्द कलैंडर एक दिन साबित होगा मिल का पत्थर-शिवचन्द राम

मऊ (राष्ट्र की परम्परा)
किसी भी समाज व देश की पहचान उसकी अपनी संस्कृति से ज्यादातर होती है,भारत की संस्कृति विभिन्नता में एकता की है, जो अनेकानेक समाज की संस्कृतियों से जुड़ी होती है। वैसे ही समता, स्वतंत्रता, बंधुत्व ,न्याय व विज्ञान में विश्वास करने वालों की अपनी संस्कृति रही है। जिसमें काल गणना और उनके अपने कलैंडरों की विशेष भूमिका रही है, क्योंकि सार्वजनिक रूप से अपने कार्य अंग्रेजी कलैंडर से करता है, किन्तु घर व अपने समाज में व्यवहार तथा दिनचर्या अपने कलैंडर से करता है। बहुजन कल्याण परिषद/ महाबोधि समाज सेवा समिति उ.प्र. एवं सम्यक समाज सेवा संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम, को ध्यान में रखकर युवा इतिहासकार एवं सामाजिक चिंतक, शिक्षक एवं समाजसेवी डॉ. रामविलास भारती द्वारा निर्मित संस्थापित भारतीय कलैंडर बुद्धाब्द 2568 आम्बेडकर सन ( आम्बेडकराब्द ) 132 का विमोचन, आयोजक डॉ. रामविलास भारती सहित मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त पी.ई.एस. अधिकारी शिवचन्द राम, अभियोजन अधिकारी डॉ. राजेश कुमार, अरविन्द मूर्ति, मुखराम, कुलदीप, ओमप्रकाश चन्द्रा, तपेश्वर राम, रामचन्द्र, रामअवध राव, सहित लोगों द्वारा बुद्ध विहार, वाणी कोट भीटी मऊ में किया गया। इस कलैंडर के अनुसार बहुजन समाज, शोषितों, वंचितों और मूल भारतीयों का नववर्ष भारतरत्न बाबा साहेब डॉ. भीम राव आम्बेडकर के जन्मदिवस (14 अप्रैल) से भारतीय नववर्ष बुद्धाब्द 2568 आम्बेडकराब्द 132 की शुरूआत होता है।14 अप्रैल से बुद्धवादियो, आम्बेडकरवादियों का नववर्ष प्रारम्भ होता है। बुद्धाब्द आम्बेडकराब्द/आम्बेडकर सन के संस्थापक एवं भारतीय कलैंडर के निर्माणकर्ता डॉ. रामविलास भारती के अनुसार कोई भी दिन शुभ अथवा अशुभ नहीं होता है बल्कि कोई भी संस्कार किसी समय आवश्यकता उपलब्धता एवं सामत के आधार पर किया जा सकता है, यह कलैंडर पूर्णता खगोलीय, वैज्ञानिक एवं मानवता पर आधारित कलैंडर है। जो समतामूलक संस्कृति को स्थापित करता है।
इस अवसर पर आयोजित “भारतीय कलैंडर का हमारे सामाजिक एवं सांस्कृतिक जीवन में महत्त्व: एक विमर्श” विषयक संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए शिवचन्द राम ने कहा कि डॉ. रामविलास भारती द्वारा निर्मित कलैंडर भारत का प्रथम ऐतिहासिक कलैंडर है। जो एक दिन भारतीय कलैंडरों के इतिहास में एक दिन मिल का पत्थर साबित होगा। काल गणना और कलैंडर जीवन का अभिन्न हिस्सा रहा है। भारतीय कलैंडर इस मामले में भी विशिष्ट है जो भारतीय संस्कृति के बाहर श्रवम परंपरा के महापुरूषों की स्वीकार्यता है। डॉ. राजेश ने कहा कि डॉ. रामविलास भारती ने भारतीय कलैंडर का निर्माण कर इतिहास रचा है। इस अरविन्द मूर्ति ने कहा कि भारतीय कलैंडर बुद्धाब्द आम्बेडकर सन को अपनाने की आवश्यकता है।कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व मुख्य प्रबंधक मुखराम व संचालन लोकतंत्र सेनानी रामअवध राव ने किया। इस अवसर पर लोकतंत्र सेनानी, पूर्व मुख्य प्रबंधक मुखराम, निवर्तमान अध्यक्ष मा.शिक्षक संघ कुलदीप, कौशल कुमार, पूर्व जिला सचिव प्रधान संघ रामभवन, अरविन्द मूर्ति, ओमप्रकाश चन्द्रा, एडवोकेट प्रेमचन्द कौशल, एडवोकेट वीरेन्द्र प्रताप यादव, रामचन्द्र, विनोद, अनीता, नीलम भारती, बृकेश यादव, डॉ.तेजभान, केदार, विवेक कुंवर, अखिलेश कुमार, आर.पी. राम आदि उपस्थित रहे।

rkpnews@somnath

Recent Posts

पत्रकार एकादश ने पलटा मैच, रोमांचक जीत के साथ ट्रॉफी पर किया कब्ज़ा

पत्रकार एकादश ने प्रशासन एकादश को 4 विकेट से हराया सलेमपुर/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा) सलेमपुर नगर…

46 minutes ago

54 साल बाद खुला बांकेबिहारी मंदिर का खजाना: निकला चांदी का छत्र, गहनों के दो संदूक, ताशखाने से मिला रहस्यमयी सामान

मथुरा (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। वृंदावन के प्रसिद्ध ठाकुर श्रीबांकेबिहारी जी मंदिर का 54 साल…

2 hours ago

दीपावली की धूम: बच्चों ने बनाई मनमोहक रंगोली, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सजी शाम

दीपावली प्रकाश, स्वच्छता, कर्तव्यनिष्ठा एवं नारी सम्मान का पर्व--मोहन द्विवेदी सलेमपुर/देवरिया (राष्ट्र की परम्परा) स्थानीय…

2 hours ago

भगवान धन्वंतरि की पूजा कर की गई लोगों के अच्छे स्वास्थ्य की कामना

देवरिया (राष्ट्र की परम्परा):भगवान धन्वंतरि जयंती के अवसर पर मुल्तानी फार्मास्यूटिकल लिमिटेड के तत्वाधान में…

3 hours ago

पुलिस की बड़ी कार्रवाई हिस्ट्रीशीटर और चोर समेत दो आरोपी गिरफ्तार

गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। अपराध और असामाजिक तत्वों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के…

3 hours ago

प्रेम सुधा लक्ष्मी हर घर बरसे

समय बीत जाता है यादें रह जाती हैं,कहानी ख़त्म, निशानी रह जाती है,रिश्ते बने रहते…

3 hours ago