July 2, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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बुद्ध पूर्णिमा मेले में युवक से बर्बरता आंख की रोशनी जाने की आशंका

जातिसूचक शब्दों के साथ हमला, बीचबचाव करने वाला भी घायल

तीन दिन बाद मुकदमा दर्ज पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में

कुशीनगर (राष्ट्र की परम्परा)। दुदही विकास खंड के दुमही गांव के एक युवक पर तुर्कपट्टी थानाक्षेत्र के भरवलिया (बरवाराजापाकड़) में सोमवार 12 मई को बुद्ध पूर्णिमा मेले के दौरान लाठी-डंडा, राड और चैन से जानलेवा हमला किया गया। जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने के साथ उसकी आंख पर वार कर उसे गंभीर रूप से जख्मी कर दिया गया। चिकित्सकों ने उसकी आंख की रोशनी जाने की आशंका जताई है। हमलावरों ने बचाने आए चचेरे भाई को भी पीटकर घायल कर दिया। घटना के तीन दिन बाद गुरुवार रात 11:32 बजे पिता की ओर से दी गई तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज किया। इस देरी को लेकर तुर्कपट्टी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। दुमही निवासी उपेन्द्र आर्य के पुत्र राहुल आर्य बुद्ध पूर्णिमा के मेले में अपने चचेरे भाई दिलीप पुत्र उमेश आर्य के साथ गया था। वहां भरवलिया टोला निवासी पिंटू चौहान, शंभू ठाकुर, नंदू चौहान, दिनेश चौहान और इन्द्रजीत चौहान ने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए गाली-गलौज शुरू कर दी। विरोध करने पर राहुल पर हमला कर उसे अधमरा कर दिया गया। पिंटू चौहान द्वारा लाठी के कोर से आंख पर प्रहार किया गया, जिससे वह मौके पर ही अचेत होकर गिर पड़ा और खून बहने लगा। घटना स्थल पर मौजूद ग्रामीणों ने किसी तरह बीचबचाव किया। घायल को पहले सेवरही सीएचसी लाया गया, जहां से हालत गंभीर देख डॉक्टरों ने रेफर कर दिया। पुलिस ने गुरुवार रात पीड़ित की तहरीर के आधार पर पिंटू चौहान सहित पांच लोगों के विरुद्ध एससी/एसटी एक्ट, दंगा, जानलेवा हमला, गाली-गलौज और गंभीर चोट पहुंचाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। हालांकि घटना के तीन दिन बाद एफआईआर दर्ज होने को लेकर पुलिस की गंभीरता पर सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि पीड़ित पक्ष से कोई चूक नहीं हुई थी तो फिर तुर्कपट्टी थाने ने तत्काल कार्रवाई क्यों नहीं की। ऐसे मामलों में पुलिस की निष्क्रियता ही हमलावरों को उकसाने का काम करती है।