देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)l जिले में सोमवार की सुबह जमीन के विवाद में खून की होली खेली गई। रूद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के फतेहपुर गांव के लेड़हा टोला पर जमीन के विवाद में एक पूर्व जिला पंचायत सदस्य की हत्या हो गई। इसके प्रतिशोध में एक ही परिवार के पांच लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। इस घटना के बाद जिले में कोहराम मच गया। पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी।
साल 2014 से दोनों परिवारों के बीच चल रहा था विवाद
फतेहपुर गांव के अभयपुर टोला निवासी पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव ने लेड़हा टोला निवासी साधु दूबे की जमीन साल 2014 में बैनामा करा लिया। इसको लेकर साधू के भाई सत्यप्रकाश दूबे ने आपत्ति दाखिल किया। मगर प्रेम यादव ने अपने रसूख की बदौलत खारिज दाखिल करा लिया। इसका मुकदमा अभी न्यायालय में लंबित है। सोमवार की सुबह प्रेम यादव बाईक से सत्य प्रकाश दुबे के दरवाजे पर गये थे। जहां किसी बात को लेकर दोनों पक्षों में विवाद शुरू हो गया और प्रेम यादव की हत्या कर दी गई ।
प्रेम यादव की हत्या की खबर पाकर उग्र भीड़ ने मचाया तांडव
इस बात की सूचना जब प्रेम यादव के परिजनों को मिली तो दर्जनों की संख्या में हथियार लेकर सत्य प्रकाश दुबे के घर पहुंचे और हमला बोल दिया। प्रेम पक्ष के लोगों ने सत्य प्रकाश दुबे पुत्र जनार्दन दुबे, किरण दुबे पत्नी सत्य प्रकाश दुबे, सलोनी पुत्री सत्यप्रकाश दूबे, गांधी पुत्र सत्य प्रकाश दुबे की मौके पर ही हत्या कर दी। इस हमले में घायल सत्य प्रकाश दुबे का 8 वर्षीय बेटा अनमोल गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में रेफर किया गया है। जहां मौत से ज़ंग लड़ रहा है l
राजनीतिक रसूख, दबंगई और स्थानीय पुलिस की लापरवाही का परिणाम है देवरिया का नरसंहार
देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)l जिले के रूद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के फतेहपुर गांव के लेड़हा टोला में जमीनी विवाद को लेकर हुआ नरसंहार पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव के राजनीतिक रसूख और पुलिस की लापरवाही का परिणाम है। पुलिस भी इस मामले में दोषी है। क्योंकि साल 2014 से शुरू हुए विवाद में दोनों पक्षों के बीच कई बार बवाल हुआ और मामला पुलिस तक भी पहुंचा। प्रेम यादव की पहुंच के चलते कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो पाई। जिसका नतीजा इस नरसंहार के रूप में सामने आया। जिसमें एक पक्ष की सत्य प्रकाश दुबे का पूरा परिवार ही खत्म हो गया।
विवादित जमीनों को सस्ते दाम में खरीद कर दबंगई से कब्जा करता था पूर्व जिला पंचायत सदस्य
फतेहपुर गांव के अभयपुर टोला निवासी पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव काफी दबंग किस्म का व्यक्ति था। उसकी मां दो बार गांव की प्रधान रही है। प्रेम यादव एक बार जिला पंचायत सदस्य भी रहा है। गांव में प्रेम का काफी दबदबा है। बताया जाता है कि प्रेम इलाके के कमजोर लोगों की जमीनों को औने पौने दाम पर खरीद कर महंगे दामों में बेचता था। गांव का कोई भी व्यक्ति उसके खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाता। रुद्रपुर थाने पर भी प्रेम यादव की गहरी पहुंच थी। क्योंकि एडीजी जोन अखिल कुमार के सामने रुद्रपुर के कोतवाल नवीन सिंह ने इस बात को स्वीकार किया है कि प्रेम यादव अक्सर थाने पर काफी आता जाता था।
सत्य प्रकाश दुबे के भाई की 10 बीघा जमीन प्रेम ने 2014 करा लिया था बैनामा
साल 2014 में प्रेम यादव ने फतेहपुर गांव के ही लेड़हा टोला के निवासी सत्य प्रकाश दुबे के भाई साधू दूबे की लगभग 10 बीघा जमीन औने पौने दाम पर बैनामा करा लिया। साधु दूबे की शादी नहीं हुई थी। जमीन बैनामा कराने के बाद प्रेम यादव ने कुछ दिनों तक साधू को अपने घर में रखा और बाद में गुजरात भगा दिया। इधर साधु और उनके भाई सत्य प्रकाश दुबे के बीच जमीन का कागजी बंटवारा ना होने की वजह से प्रेम सत्य प्रकाश के हिस्से की कुछ जमीन पर भी कब्जा करने की फिराक में था। बैनामा के खिलाफ सत्य प्रकाश दूबे ने तहसील में आपत्ति भी दाखिल किया था। मगर प्रेम यादव ने अपने प्रभाव से जमीन पर अपना नाम चढ़वा लिया। सत्य प्रकाश दुबे ने इस मामले में दीवानी में मुकदमा भी दाखिल किया था। बताया जाता है कि मुकदमा वापस लेने के लिए प्रेम यादव सत्य प्रकाश को धमकी देता रहता था।
इस बात को लेकर दोनों पक्षों में कई बार विवाद भी हुआ और मामला पुलिस तक भी पहुंचा। मगर प्रेम के रसूख के चलते कोई विशेष कार्यवाही नहीं हुई।
अपनी बाईक से सत्य प्रकाश दूबे के घर पहुंचा था प्रेम
सोमवार की सुबह प्रेम UP 52 बीपी 9731 नंबर की बाइक से सत्य प्रकाश दुबे के घर पहुंचा था। हालांकि प्रेम यादव की पत्नी के मुताबिक दूबे परिवार के लोगों ने फोन करके प्रेम को अपने घर बुलाया था। मगर दबी जुबान से कुछ लोगों ने बताया कि प्रेम यादव सत्य प्रकाश दूबे के घर मुकदमा वापस करने के लिए दबाव बनाने पहुंचा था। जहां सत्य प्रकाश और प्रेम के बीच विवाद शुरू हो गया। विवाद के दौरान ही प्रेम यादव की सत्य प्रकाश दुबे के दरवाजे पर हत्या हो गई। इस बात की खबर मिलते ही प्रेम पक्ष के दर्जनों लोग राइफल, बंदूक और लाठी डंडों से लैस होकर सत्य प्रकाश के घर पहुंचे और हमला बोल दिया। इस घटना में सत्य प्रकाश दूबे का पूरा परिवार ही समाप्त हो गया। सत्य प्रकाश उनकी पत्नी, दो बेटियां और एक बेटे की हमलावर ने मौके पर ही हत्या कर दी। जबकि उनका एक 8 वर्षीय बेटा अनमोल गंभीर रूप से घायल हो गया। गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में उसका इलाज चल रहा है।
नरसंहार के बाद छावनी बना फतेहपुर गांव, एडीजी और प्रमुख सचिव गृह मौके पर पहुंचे
फतेहपुर (देवरिया)I देवरिया जिले के रुद्रपुर थाना क्षेत्र के फतेहपुर गांव में जमीनी विवाद को लेकर हुए नरसंहार के बाद गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। घटना के बाद से ही पुलिस और प्रशासनिक अफसर गांव में कैंप किए हैं। गांव में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए भारी मात्रा में पीएसी व पुलिस बल तैनात कर दी गई है। प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, एडीजी ला एंड आर्डर प्रशांत कुमार, गोरखपुर जोन के एडीजी अखिल कुमार गांव में पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए चार टीमें गठित की गई हैं और एक दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया है। जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह, पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा सुबह से ही गांव में कैंप किए हैं।
आधे घंटे में समाप्त हो गया एक परिवार सोती रही पुलिस
यादव बाहुल्य इस गांव में हमलावरों ने लगभग आधे घंटे तक तांडव मचाया, हत्यायें की मगर न तो गांव का कोई भी व्यक्ति बीच बचाव करने आया और न ही पुलिस समय से पहुंची। फतेहपुर गांव के जिस टोले पर यह घटना हुई है वहां मात्र इकलौता घर सत्य प्रकाश दुबे का था। इसके अलावा एक परिवार श्रीवास्तव का है कुछ केवट जाति के लोग हैं, और बाकी पूरी बस्ती यादव बिरादरी की है। इसके अलावा अगल-बगल के गांवों में भी यादव जाति के लोगों की ही बहुलता है।
हजूम में पहुचे हमलावरो ने पहले डंडों से पीटा फिर गला रेता और गोली मार कर की हत्या
जमीन के विवाद में एक के बदले हुई पांच हत्याओं में सत्य प्रकाश दूबे का पूरा परिवार ही खत्म हो गया। यह संयोग ही था कि सत्य प्रकाश दूबे का बड़ा बेटा शेरा सुबह ही घर से देवरिया चला गया था। जिसकी वजह से उसकी जान बच गई। हमलावरों पर इस कदर खून सवार था कि उन्हें बच्चों पर भी तरस नहीं आई। आक्रोशित भीड़ ने सत्य प्रकाश दूबे के घर की महिलाओं और बच्चों को पहले डंडों से पिटा फिर गला रेता और उसके बाद गोली भी मारी।
10 बीघा का मालिक टिन शेड में दिन काट रहा था सत्य प्रकाश दूबे का परिवार
सत्य प्रकाश दूबे के तीन बेटे और तीन बेटियां थी। घर की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है। बड़ी बेटी निशा की उन्होंने शादी कर दी थी। मझली बेटी सलोनी एक निजी विद्यालय में पढ़ती थी। जबकि छोटी बेटी नंदिनी और बेटा गांधी पढ़ाई करते थे। एक बेटा देवेश उर्फ शेरा पूजा पाठ करने का काम करता है। सबसे छोटा बेटा अनमोल अभी मात्र 8 वर्ष का है। पूरा परिवार टीन शेड के एक घर में रहता है जिसमें कोई दरवाजा भी नहीं है। घटना के समय सत्य प्रकाश दूबे का बड़ा बेटा देवेश उर्फ शेरा पंडित देवरिया शहर में किसी व्यक्ति का श्राद्ध करने गया था। जिसकी वजह से उसकी जान बच गई।
जान की भीख मांगते रहे मासूम, नहीं दया दिखाये हमलावर
लोगों की माने तो हमलावरों की भीड़ जब उनके दरवाजे पर पहुची तो सत्यप्रकाश दूबे की पत्नी हाथ जोड़ कर आगे खड़ी हो गईं। मगर हमलावरों ने सत्य प्रकाश के सामने ही उनकी पत्नी की लाठी और गोली मारकर हत्या कर दी। माता-पिता की हत्या के बाद सबसे छोटा अनमोल घर में जाकर कोने में छिप गया और बेटी सलोनी, नंदनी व बेटा गांधी हाथ जोड़कर जान की भीख मांगने लगे। उन लोगों को इन मासूमों पर जरा भी दया नहीं आई और उन लोगों ने सभी को मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद हमलावर दूबे के घर में घुसे और अनमोल को भी गंभीर रूप से घायल कर दिया। जिसका मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है।
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