नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। केंद्र सरकार ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में एक बड़ा बदलाव किया है, जिसका सीधा असर करोड़ों निवेशकों पर पड़ेगा। यह नया नियम 1 अक्टूबर से लागू हो जाएगा। इस बदलाव के तहत, अब गैर-सरकारी क्षेत्र के एनपीएस ग्राहक अपने पूरे निवेश को इक्विटी (शेयर बाजार) में लगा सकेंगे।
यह फैसला निवेशकों, खासकर युवाओं के लिए एक बड़ा गेम-चेंजर साबित हो सकता है। अब तक, एनपीएस के तहत इक्विटी निवेश की एक सीमा तय थी, लेकिन अब यह सीमा हटा दी गई है। इस बदलाव से जुड़े पांच मुख्य पॉइंट्स यहां दिए गए हैं:
100% इक्विटी निवेश का विकल्प:
अब गैर-सरकारी एनपीएस सब्सक्राइबर्स को अपनी पूरी निवेश राशि को इक्विटी फंड्स में निवेश करने की अनुमति होगी। यह उन लोगों के लिए बेहतरीन मौका है जो ज्यादा जोखिम लेकर ज्यादा रिटर्न कमाना चाहते हैं।
15 साल बाद पैसा निकालने की सुविधा:
नए नियमों के अनुसार, अब ग्राहक 15 साल की निहित अवधि पूरी होने के बाद अपनी योजना बदल सकते हैं। यह लचीलापन उन लोगों को मिलेगा जो अपनी निवेश रणनीति में बदलाव चाहते हैं।
निवेश पोर्टफोलियो को नियंत्रित करने का अधिकार:
अब निवेशक अपनी उम्र, जोखिम उठाने की क्षमता और जरूरत के हिसाब से अपने निवेश पोर्टफोलियो को खुद नियंत्रित कर पाएंगे। यह सुविधा पहले से कहीं अधिक व्यक्तिगत और आकर्षक है।
युवाओं के लिए खास फायदा:
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव खासकर युवा निवेशकों के लिए फायदेमंद होगा। वे अपने करियर की शुरुआत में ज्यादा इक्विटी एक्सपोजर के साथ बेहतर रिटर्न कमा सकते हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
जानकारों का मानना है कि यह कदम एनपीएस को रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए पहले से कहीं अधिक आकर्षक बना देगा। यह बदलाव एनपीएस को म्यूचुअल फंड्स के मुकाबले एक मजबूत विकल्प के रूप में भी खड़ा करेगा।