बरहज/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा) चतुरी में चल रहे भागवत कथा के दूसरे दिन बरहज, वीरपुर मिश्र ,देवरिया क्षेत्र के चतुरी में चल रहे भागवत कथा के दूसरे दिन अयोध्या धाम से पधारे स्वामी डॉ राघवाचार्य जी महाराज ने श्रद्धालुओं को संगीतमय कथा का रसपान कराते हुए कहा कि जीव की मुक्ति की कथा ही भागवत कथा है। हम सभी पशु पक्षी के तरह ही जीव हैं ,किन्तु जीव में जब धर्मानुसाशन हो जाय तथा उस जीव का आचरण धर्म व वेद के अनुसार होने लगे तब वह जीव मानव बनता है।यही मानव तथा पशु में मूलभेद है।धर्म हमें आचार ,विचार तथा संस्कार सिखलाता है। धर्म ही मनुष्य को पशु से अलग करता है। लेकिन धर्म के शिक्षा की कोई व्यवस्था नही है।न तो विद्यालय में नही समाज में धर्म की शिक्षा की कोई व्यवस्था वर्तमान समय मे दिखलाई दे रही है। ऐसी स्थिति में भागवत कथा ही एक ऐसा माध्यम है जिससे कि आचार्य धर्म को लोगों को समझाते हैं या समझते हैं।आचार्य अपने चर्चा के द्वारा धर्म को परिभाषित करते हैं। अर्थात कलयुग में भगवान की कथा ही मनुष्य को मुक्ति प्रदान करने की एक मात्र उत्तम व्यवस्था है। इसलिए राजा परीक्षित स्वर्ग से भगवान इंद्र द्वारा लाए अमृत को अस्वीकार कर कथामृत का रसपान करना श्रेयस्कर समझे । भागवत पुराण स्वयं भगवान की दिव्य ज्योति का प्रमाण है। भागवत स्वयं भगवान का रूप है।इसलिए गोस्वामी तुलसीदास जी ने कहा कि ‘सियाराम मैं सब जग जानी । यह नश्वर संसार ईश्वर का ही रूप है,इसके हेतु व उपादान भी ईश्वर ही हैं।कथा के दौरान यजमान नरसिंह त्रिपाठी, मालती त्रिपाठी, सुधाकर मिश्र, हैप्पी शुक्ला,संतोष मद्देशिया, सेंट जेवियर्स के प्रधानाचार्य वी के शुक्ला,डॉ धर्मेन्द्र पाण्डेय, डॉ शशिकांत तिवारी, सुधा तिवारी, गोमती प्रसाद ओझा, डॉ वेद व्यास तिवारी, प्रेमशंकर मिश्र, गंगाधर तिवारी, चंद्रशेखर शुक्ला, सुधा तिवारी, रामानंद तिवारी ,हीरो शुक्ला, डॉ जे डी शुक्ला, मनोज मिश्र, सतीशचंद्र तिवारी, त्रिभुवन तिवारी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
गगहा/गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। गोरखपुर–वाराणसी हाईवे पर करवल मझगांवा स्थित करवल माता मंदिर के पास…
गोरखपुर एयरपोर्ट पर 3:15 बजे पहुंचेगा पार्थिव शरीर गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। देश की रक्षा…
देवरिया (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। पुलिस विभाग में फेरबदल का दौर जारी है। जिले के…
बलिया (राष्ट्र की परम्परा)। पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह के निर्देशन में अपराधियों के खिलाफ चलाए…
गोंदिया - वैश्विक स्तरपर अगर हम गहराई से देखें तो भारत में करीब करीब हर…
बिहार, जो कभी ज्ञान और संस्कृति का केंद्र माना जाता था, आज भी जातिवादी राजनीति…