नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। लाल किला के पास दिल्ली में हुए आतंकी धमाके और उसके बाद श्रीनगर में हुए विस्फोट पर बलूच मानवाधिकार कार्यकर्ता मीर यार बलोच ने कड़ा बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि भारत में हुए ये हमले “पाकिस्तान की ओर से युद्ध की घोषणा” जैसे हैं। मीर यार ने पाकिस्तान के पिछले 78 वर्षों के इतिहास, आतंकवाद और राजनीतिक-आर्थिक अस्थिरता पर भी तीखा प्रहार किया।
‘पाकिस्तान आतंकवाद छोड़ने वाला नहीं’ — मीर यार
मीर यार बलोच ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बलूचिस्तान के संसाधनों के शोषण पर आधारित है और उसकी सेना दशकों से आतंकवादी संगठनों को पनाह और प्रशिक्षण देती रही है। उनके अनुसार, पाकिस्तान एक बार फिर भारत में 1990 के दशक जैसी स्थिति पैदा करने की तैयारी में है।
भारत को इजरायल जैसी निर्णायक कार्रवाई करने की सलाह
बलूच विश्लेषकों का हवाला देते हुए मीर यार ने कहा कि पाकिस्तान का आतंकवाद रोकने का कोई इरादा नहीं है, इसलिए भारत को इजरायल की तरह “बड़े पैमाने पर निर्णायक जवाब” देना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान भारत के साथ एक महीने का भी सीधा सैन्य टकराव नहीं झेल पाएगा।
अफगानिस्तान में भारत को सैन्य एयरबेस बनाने का सुझाव
मीर यार बलोच ने सुझाव दिया कि भारत को अफगानिस्तान में बगराम समेत कम से कम दस अतिरिक्त हवाई अड्डे बनाने चाहिए, ताकि वहां से पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य अभियानों को अंजाम दिया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने अफगानिस्तान को डिफेंस सिस्टम और लंबी दूरी की मिसाइलें मुहैया कराने की भी वकालत की।
भारत-बालूच-अफगान त्रिपक्षीय सम्मेलन की मांग
मीर ने कहा कि दिल्ली और काबुल को मिलकर एक भारत-अफगानिस्तान-बलूचिस्तान त्रिपक्षीय सम्मेलन आयोजित करना चाहिए, ताकि पाकिस्तान द्वारा छेड़े गए आतंकवाद और प्रॉक्सी युद्ध का प्रभावी समाधान निकाला जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि बलूच नेताओं को भारत बुलाना “पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के ताबूत में आखिरी कील” साबित होगा। मीर के मुताबिक, भारत और अफगानिस्तान में स्थायी शांति तभी संभव है जब बलूचिस्तान एक स्वतंत्र राष्ट्र बने।
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