
देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। पूर्वदशम एवं दशमोत्तर छात्रवृत्ति की प्रक्रियाओं को अपनाये जाने को लेकर टाउनहाल आडिटोरियम में जनपद के सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्यो के साथ जिलाधिकारी अखण्ड प्रताप सिंह की अध्यक्षता में जागरुकता कार्यशाला आयोजित हुई। इस दौरान सभी प्रधानाचार्यो से त्रुटिरहित छात्रवृत्ति आवेदन की प्रक्रियाओं को अपनाये जाने की विशेष रुप से अपेक्षा की गयी।
जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह ने कहा कि छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करते समय कुछ प्रक्रियागत त्रुटियां हो जाती है, जिससे उनकी छात्रवृत्ति प्रभावित हो जाती है तथा उससे वे वंचित हो जाते हैं। इसके प्रक्रियाओं में किसी प्रकार की गलतियों की गुन्जाइश न रहे इस पर सभी प्रधानाचार्य व शिक्षण संस्थाये गंभीरता बरतें और जो भी समय सारणी समयबद्वता व प्रक्रिया सुनिश्चित की गयी है, उसका अक्षरशः पालन कराते हुए प्रयास हो कि कोई भी पात्र छात्र-छात्रा छात्रवृत्ति से वंचित न रहे। छात्रवृत्ति की धनराशि बच्चों के भविष्य को आगे बढाने में अहम भूमिका निभाती है व उनका भविष्य संवारने में भी उपयोगी रहती है। इसकी महत्ताा को समझते हुए सभी प्रधानाचार्य कार्य कर छात्रवृत्ति का लाभ पहुॅचाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायें। सभी पात्र बच्चों का पंजीकरण अवश्य ही सुनिश्चित करायें।
जिलाधिकारी ने अभ्युदय योजना पर भी प्रकाश डालते हुए प्रधानाचार्यो से कहा कि जनपद में मेधा की कोई कमी नही है। बस आवश्यकता है उन्हे सामान्य अवसर उपलब्ध कराने की, जिससे कि ऐसे प्रतियोगी बच्चे भी अच्छा मुकाम हासिल कर सके। प्रतिभाशाली अभ्यर्थी जो संसाधनों के अभाव में सफलता से वंचित रह जाते है, उनके लिए अभ्युदय कोचिंग की सुविधा संचालित की गयी। आप सभी छात्रों को इसके लिए प्रेरित करें और अधिक से अधिक बच्चो को इस कोचिंग से जोडे। साथ ही ऐसे अध्यापक जिन्हे किसी न किसी विषय में विशेषज्ञता हासिल है वे उसका उपयोग बच्चो का भविष्य सवारने के लिए अभ्युदय कक्षा में प्रयोग कर सकते है। कोचिंग हेतु अभ्यर्थी बढेगें तो अन्य विद्यालयों में भी अभ्युदय कोचिंग की व्यवस्था बनायी जायेगी। उन्होने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि प्रबुद्वजनों की चर्चाओं के मंथन के बाद जो निकलेगा, उससे देवरिया के बच्चों को लाभ मिलेगा।
मुख्य विकास अधिकारी प्रत्यूष पाण्डेय ने कहा कि छात्रवृत्ति की प्रक्रियाओं के संबंध में दी गयी जानकारी को पूरी गंभीरता व दृढ निश्चयता के साथ उसे अपनाने की जरुरत है ताकि त्रुटिरहित प्रक्रिया का पालन हो। अधिक से अधिक पात्र बच्चे लाभान्वित हो। उन्होंने अभ्युदय कोचिंग में भी अपना सहयोग व बच्चो में जागरुकता लाये जाने पर प्रधानाचार्यो व शिक्षण संस्थओं से अपेक्षा की।
आयोजित इस कार्यशाला में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, डीआईओएस, प्रधानाचार्य जीआईसी पीके शर्मा, डिप्टी रजिस्ट्रार गोरखपुर विश्वविद्यालय ने भी अपने विचारो को रखा तथा छात्रवृत्ति की प्रक्रियाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दिये। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारम्भ जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी एवं अन्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन के साथ मॉ सरस्वती के चित्र पर पुष्प अपिर्त करने के साथ किया गया तथा अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ प्रदान कर जिला समाज कल्याण अधिकारी
जैसवार लाल बहादुर, प्रधानाचार्य परिषद के पदाधिकारियों एवं संस्कृत विद्यालय के प्रधानाचार्यो द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन जिला कार्यक्रम अधिकारी कृष्णकान्त राय द्वारा किया गया।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य अभय द्विवेदी, एडीआईओएस महेन्द्र कुमार, प्रधानाचार्य डायट, विभिन्न शिक्षण संस्थाओं प्रधानाचार्य व अन्य संबंधित विभागो के अधिकारी आदि प्रमुख तौर पर उपस्थित रहे।
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