बलिया (राष्ट्र की परम्परा)
राष्ट्रीय मिर्गी दिवस के अवसर पर जागरूकता एवं संवेदीकरण कार्यक्रम का आयोजन अमरनाथ आदर्श इन्टर कालेज, खेजुरी में आयोजीत किया गया। इस जागरूकता एवं संवेदीकरण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों को मिर्गी रोग के बारे में बताना, मिर्गी दौरे, लक्षण एवं बचाव के बारें में जागरूक करना।
इस अवसर पर उदय नरायण प्रसाद प्राधानाचार्य अमरनाथ आदर्श इन्टर कालेज, खेजुरी ने बताया कि, मिर्गी के दौरान मुंह से झाग निकलना, चक्कर आना, शरीर में जकड़न और बेहोशी जैसे लक्षण मिर्गी की ओर इशारा करते है। मिर्गी मस्तिष्क से जुड़ा एक क्रोनिक रोग है, जिसमें व्यक्ति को दौरे पड़ते है। मस्तिष्क की सेल्स में अचानक और असामान्य रूप से केमिकल रिएक्शन होने के कारण दौरा पड़ने लगता है, जिस वजह से व्यक्ति बेहोश हो सकता है। मिर्गी रोग किसी को भी हो सकता है। यदि समय रहते इसका इलाज कराया जाए तो इससे छुटकारा पाया जा सकता है,लेकिन अभी भी भारत में कई ऐसे क्षेत्र हैं जहॉ मिर्गी को तंत्रमंत्र और जादू टोने से ठीक करने की कोशिश की जाती है। जागरूकता की कमी के कारण लगभग तीन चौथाई लोग आवश्यक इलाज व उपचार से वंचित है। लोगों की सोच को बदलने और रोग के प्रति जागरूक करने हेतु, हर वर्ष 17 नवंबर को ‘नेशनल एपिलेप्सी डे’ मनाया जाता है। इसके माध्यम से शहरों, गांव और कस्बे में कई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते है और उसी क्रम में शुक्रवार को सर्व सेवा संस्थान द्वारा किया जा रहा है। यह बहुत ही प्रसंशनीस कार्य है।
इस अवसर पर ममता प्रजापति ने बताया कि मिर्गी रोग के कुछ मुख्य कारण निम्न है- दुर्घटना के कारण सिर में चोट लगना, मस्तिष्क/ब्रेन स्ट्रोक और ट्यूमर, ब्रेन इंफेक्शन, जन्म से असामान्य होना, संक्रमण जैसे एन्सेफलाइटिस और मेनिन्जाइटिस आदि हो सकता है। मिर्गी रोग के लक्षण- बेहोश हो जाना, अचानक पूरे शरीर और हाथों-पैरों में झटके आना, शरीर में सुइयां चुभने जैसे महसूस होना, हाथों पैरों की मांसपेशियों का असामान्य रूप से अकड़ जाना, मिर्गी के दौरे का सामना कैसे करें-सबसे पहले हिम्मत रखें, घबराएं नही,गर्दन के पास से किसी भी तरह का टाइट कपड़ा हटा दें ताकि सांस लेने में दिक्कत ना हो, उसके सिर के नीचे कोई कपड़ा या मुलायम तकिया रख दें, ख्याल रखें दौरा खत्म होने तक व्यक्ति के पास रहें और उनके मुंह में कुछ ना दें, पीड़ित व्यक्ति को रिलैक्स करने की कोशिश करें और उन्हें आराम करने या सोने दें, मिर्गी रोग को सही इलाज और दवाइयों से ठीक किया जा सकता है। इसके लिए आपको इसके लक्षण नज़र आते ही अच्छे डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए, ताकि समय रहते स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।
इस अवसर पर सुनिल कुमार प्रजापति, नागेन्द्र यादव, पवन, संदीप कुमार प्रजापति, सतीश, प्रिंस एवं डी एड विशेष शिक्षा-श्रवण बाधिता व बौद्धिक अक्षमता के छात्र उपस्थित रहे।
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