July 6, 2025

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नवरात्र में ब्रम्हा और शुक्ल योग का शुभ संयोग, पूजन-अर्चन का मिलेगा दोगुना फल: आचार्य अजय शुक्ल

इस बार पूरे नौ दिन का होगा नवरात्र

सलेमपुर/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)। इस बार चैत्र नवरात्र में बहुत ही पुण्यदायी योग बन रहा है, जिससे भक्तों को पूजा अर्चना का दूना फल प्राप्त होगा। नवरात्र के पहले ही दिन दो शुभ ब्रम्हा व शुक्ल योग का संयोग बनने से इस बार नवरात्र का महत्व बढ़ जाता है।उक्त बातें आचार्य अजय शुक्ल ,जीउत बाबा ने नगर के सुगही वार्ड में आयोजित कार्यक्रम में नवरात्र व्रत के महात्म्य के बारे में बताते हुए कहा कि इस व्रत को करने से मनुष्य के हर दुःख से मुक्त होने का मार्ग प्रशस्त होता है । इस बार नवरात्र में माँ दुर्गा पूरे नौ दिन तक धरती पर रहेगी। 22 मार्च से प्रतिपदा से शुरू होकर 30 मार्च को नवरात्र का व्रत सम्पन्न होगा।
उन्होंने बताया कि पूरे नवरात्र में माता को प्रसन्न करने के लिए रात्रि में उनके प्रतिमा या चित्र के सामने गाय के घी का दीपक जलाएं और दुर्गासप्तशती का पाठ करें।इससे माँ भक्तों के हर कष्ट दूर कर देती हैं। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 22 मार्च को सुबह 6 बजकर 25 मिनट से 9बजकर 25 मिनट तक है। माँ दुर्गा इस बार धरती पर पंचक में नाव पर पधार रही हैं,जो शुभ होता है, वहीं उनके प्रस्थान का वाहन डोली है।आदि शक्ति जगदम्बा के पूजन में पंचक कोई बाधा नहीं डालता है। नवरात्र दो शब्दों से मिलकर बना है नव रात्रि यानी नौ राते ,रात्रि शब्द सिद्धि का प्रतीक माना जाता है।प्राचीन काल में ऋषियों मुनियों ने दिन की अपेक्षा रात्रि को ज्यादा महत्व दिया।यह समय शांति का होता है।जिसमे साधक देवी के नौ रूप की आराधना कर अलग अलग सिद्धि प्राप्त करते हैं। कार्यक्रम में मनोज पाण्डेय , अष्टभुजा पांडेय, उमेश मणि तिवारी, अनिरुद्ध कुशवाहा आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।