सादुल्लानगर /बलरामपुर (राष्ट्र की परम्परा)।पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को संवेदनशील सूचनाओं साझा करने के आरोप में सादुल्लानगर इलाके के नूर आलम की गिरफ्तारी की खबर से हर कोई हद प्रभ है ।नूर आलम दिल्ली में रहकर प्लास्टर ऑफ पेरिस का काम करता था। कुछ माह पहले ही गांव लौटा है। ऐसे में उसकी गिरफ्तारी ने स्थानीय खुफिया इकाइयों की सक्रियता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। सादुल्लानगर के भेलया मदनपुर गांव निवासी नूर आलम को आतंकवाद निरोधक दस्ते ने बृहस्पतिवार को संवेदनशील सूचनाओं टेलीग्राम के माध्यम से आईएसआई को साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। नूर आलम भेलयामदनपुर गांव के माली डीह मजरे में रहता है
प्रधान प्रतिनिधि मसीहुद्दीन सिद्दीकी ने बताया नूर आलम दिल्ली में रहकर मजदूरी का काम करता था। वह लोगों के घरों में पेरिस ऑफ प्लास्टर का काम करता था। करीब दो-तीन माह पहले ही गांव आया था।
बताया कि वह दो भाई है। पिता सफात अली के पास साढे चार बीघा जमीन है जिसपर परिवार के लोग फूलों की खेती करते हैं। ,परिवार के पास एक कमरा एक बरामदा का पुराना जर्जर घर है जिसमें परिजन जीवन यापन करते हैं , परिवार में आरोपी नूर आलम 21वर्ष ,जिसने हाई स्कूल का पढ़ाई कर पी ओ पी के काम करने के लिए बम्बई ,दिल्ली , लखनऊ गया था ,5 माह से घर पर था गांव में आनलाइन पबजी ,और गेम खेलता था , आरोपी दो भाई दो बहन है ,गुलशन व नूर आलम जोड़वा थे ,सहजादी , छोटा भाई असगर अली एजी हाशमी इण्टर कालेज सादुल्लाहनगर में पढ़ाई कर रहा है ,
प्रधान प्रतिनिधि ने बताया कि नूर आलम का कद काफी छोटा है। उसके परिवार की स्थिति ठीक नहीं है। मगर किसी को जरा भी अंदाजा न था। कि वह ऐसी कोई करतूत कर सकता है ।नूर आलम की गिरफ्तारी से गांव के लोग आश्चर्यचकित है ।वहीं नूर आलम की गिरफ्तारी से स्थानीय खुफिया इकाई की सक्रियता भी सवालों के घेरे में है। मामले में पुलिस के बड़े अधिकारी भी कुछ कहने से बचते नजर आ रहे हैं। थाना प्रभारी मनोज कुमार सिंह का कहना है। कि इस बारे में अभी ज्यादा जानकारी तो नहीं है ।लेकिन नूर आलम का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है।एएसपी नम्रता श्रीवास्तव ने बताया कि हमें ऐसी कोई कार्रवाई की जानकारी नहीं है।
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