October 22, 2024

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

भाऊ प्रधान उद्यान को सर्कस के लिए दिए जाने पर आशाताई मराठे ने जताया तीव्र विरोध

मुंबई (राष्ट्र की परम्परा)। एक तरफ़ दिवाली का पर्व करीब है स्कूलों में छुट्टियां होने वाली हैं वहीं दूसरी तरफ मनपा और पुलिस प्रशासन ने 28 अक्टूबर से 11 दिसंबर तक चेंबूर सुभाष नगर के भाऊ प्रधान उद्यान में “रॉयल सर्कस” आयोजित करने की अनुमति दी है। जो सरासर सुभाष नगर के निवासियों और स्कूली बच्चों के साथ अन्याय है। सुभाष नगर के उद्यान को मनपा और पुलिस द्वारा रॉयल सर्कस को दिए जाने पर भारतीय जनता पार्टी वार्ड क्रमांक १५२ की नगरसेविका आशाताई सुभाष मराठे ने सख्त विरोध जताया है। उनका कहना है कि चुनाव के बाद से लगातार सुभाष नगर भाऊ प्रधान स्टेडियम या पप्पू गार्डन को म्हाडा से मनपा को स्थानांतरित करने और इन दोनों उद्यानों के सुशोभीकरण के लिए निरंतर प्रयास करती रही हैं। यहां तक कि उद्यान में विभिन्न सुविधाओं को मुहैया कराने के लिए नगरसेविका ने आंदोलन भी किया । लेकिन उसके बाद भी मैदान के सुशोभीकरण को लेकर म्हाडा और मनपा दोनों ही उदासीन रही। किंतु आश्चर्य की बात है कि “रॉयल सर्कस” के आयोजन में सबसे अधिक तत्परता दिखाई गई। इस कारण डेढ़ महीने तक युवाओं, महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों को इस मैदान से वंचित रहना पड़ेगा, जबकि दिवाली पर्व में बच्चों की छुट्टियां हैं। फिर स्कूलों में छुट्टी होने पर भी खेल के मैदान के दरवाजे बंद रहेंगे। इसके अलावा यदि मैदान सर्कस को दे दिया गया तो इसमें कोई संदेह नहीं कि जब तंबू गाड़ा जाएगा तो गड्ढे के कारण जमीन खराब हो जाएगी।
फिर डेढ़ माह तक सुभाषनगर वासियों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर सर्कस दिखाने वाले प्रशासन की नगरसेविका ने कड़ी निंदा की है और किसी भी हालत में “रॉयल सर्कस” का मंचन न होने के लिए सुभाष नगरवासियों से इस पवित्र कार्य में सहयोग की अपील की है। वहीं आशा ताई मराठे ने सवाल उठाया कि गार्डन के सुशोभीकरण के बारे में जब म्हाडा से पत्र व्यवहार किया जाता है तो वह मनपा की जिम्मेदारी है ऐसा कहकर पल्ला झाड़ लेती है फिर मनपा ने रॉयल सर्कस को किस आधार पर भाड़े पर दिया और भाड़ा क्यों वसूला? ऐसा सवाल मनपा से किया है।