आशाराम बापू की हालत गम्भीर इच्छानुरूप चिकित्सा की माँग

आशाराम बापू के ईलाज और पैरोल की मांग को लेकर आजाद मैदान में 04 मार्च को आंदोलन

मुम्बई(राष्ट्र की परम्परा)
जोधपुर कारागार में रखे गये 86 वर्षीय संत आशाराम बापू के स्वास्थ्य की स्थिति अत्यंत नाजुक है। जेल जाने से पूर्व 74 की उम्र में अतिव्यस्त जीवनशैली के बावजूद आशाराम बापू को सिर्फ ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया व पीठ-दर्द की तकलीफ थी लेकिन 11.5 वर्ष से अधिक समय से लगातार कस्टडी के तनावयुक्त वातावरण से अब 86 वर्ष की इस वयोवृद्ध अवस्था में उनको हृदयरोग, पौरुष ग्रंधि की वृद्धि संधिवात एवं रक्ताल्पता आदि नयी बीमारियों ने भी घेर लिया है। तनावमुक्त वातावरण में इच्छानुसार चिकित्सा आदि के अभाव से इन प्राणघातक बीमारियों की निवृत्ति न होने से उनका स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा है। आशाराम 13 जनवरी से 6 फरवरी 2024 तक जोधपुर के एम्स अस्पताल में कार्डियक आई.सी.यू. में भर्ती रहे हैं। एम्स की रिपोर्ट के अनुसार उनके हृदय में 3 गम्भीर (99%, 90% और 75%) ब्लॉकेज हैं। बापू को लगातार रक्तस्राव हो रहा है, जिसकी वजह से उनके हीमोग्लोबिन का स्तर लगातार गिरता जा रहा
है। उनकी गम्भीर शारीरिक स्थिति को देखते हुए हाल ही में पैरोल की अर्जी लगायी गयी थी किंतु उनके रोग की भयानकता को अनदेखा कर दिया गया।
आशाराम बापू ने अपना सारा जीवन समाजहित में लगा दिया फिर भी आज उनके स्वास्थ्य की इतनी गम्भीर स्थिति में उन्हें सटीक इलाज के लिए किसी प्रकार की राहत नहीं मिली है। 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कैदी को खराब स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत देने में उदारता बरती जानी चाहिए। व्यक्ति का सेहत ठीक रहे यह सबसे जरूरी है। उसकी सेहत से संबंधित समस्याओं का राज्य सरकार ध्यान रखे, न्यायपालिका को भी इसे सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ देखना चाहिए।’
पॉक्सो एक्ट व गैंग रेप की धारा में बंद पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को पहले स्वास्थ्य के आधार पर और बाद में बेटी की शादी के लिए बेल दी गयी। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू, पहलवान सुशील कुमार, दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र कुमार जैन, सुपरटेक ग्रुप के चेयरमैन आर. के. अरोड़ा, महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक आदि को हफ्तों-हफ़्तों महीनों-महीनों के लिए राहत दी गयी । हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को हार्ट का प्रोब्लम था और स्पेशिफिकली कारण के लिए उन्हें बेल मिली। इनके अलावा ऐसे तो अनेकों उदाहरण हैं।
घोटाले, हत्या, मनी लॉड्रिग आदि के आरोपियों, दोषियों को जब राहत दी जाती है तो संत आशाराम बापू को उनकी इच्छा के अनुरूप उचित इलाज कराने से क्यों वंचित रखा जा रहा है? यह उनके मानवाधिकारों व संवैधानिक अधिकारों का हनन है। योग वेदांत सेवा समितियों, समस्त साधकों, नारी संगठन एवं कई हिन्दू संगठनों ने माँग है कि सरकार द्वारा पूज्य बापू को यथेच्छित स्थान पर यचानुकूल चिकित्सा पद्धति द्वारा उपचार हेतु शीघ्रातिशीघ्र राहत दी जानी चाहिए। देश व्यापी उठ रही बापू के उचित ईलाज और पैरोल की मांग को लेकर ‘आजाद मैदान मुंबई महाराष्ट्र” मे 4 मार्च 2024 को आंदोलन प्रदर्शन किया जा रहा है ।

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