November 22, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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डूबते सूर्य को दिया गया अ‌र्घ्य, उगते सूर्य की होगी पूजा

गाजे बाजे के साथ परिवार सहित छठ घाटों पर पहुँची छठ व्रती महिलाएं

महराजगंज ( राष्ट्र की परम्परा)। समृद्धि, पुत्र प्राप्ति व मंगलकामना के पर्व छठ पर रविवार की शाम को डूबते सूर्य को अ‌र्घ्य दिया गया। सोमवार सुबह उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर महापर्व का समापन होगा। शहर में विभिन्न स्थानों पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किए गए। शाम होने से पहले ही व्रती महिलाएं तालाबों व नदियों पर डूबते सूर्य को अ‌र्घ्य देने के लिए पहुंचने लगे। वही शहर के बलिया नाला , नारायणी शाखाओं व रेंहाव नाला,रोहिणी नदी के केवला पुर खुर्द सहित ग्राम सभा के तालाबों पर स्थित छठ घाट पर डूबते सूर्य को अ‌र्घ्य दिया। ग्रामीण क्षेत्रों मे घाटों पर साफ- सफाई के अलावा सुरक्षा में लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए ग्राम प्रधानों ने व्यवस्था किया ताकि पूरे परिवार के साथ व्रती डूबते सूर्य को अ‌र्घ्य देने पहुंचें। बड़ी संख्या में छठ व्रती अपने पूरे परिवार एवं गाजे-बाजे के साथ छठ घाट पर पहुंचें। शाम को पूरे विधि-विधान से छठ व्रतियों ने डूबते सूर्य एवं छठ माता की आराधना की। बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधि व अन्य लोग भी व्रतियों को पर्व की शुभकामनाएं देने छठ घाटों पर पहुंचे। सूर्य देव की उपासना का यह पर्व शुद्धता स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने वाला है। सूर्य देव के साथ-साथ छठी मैया की पूजा का विधान है। इस व्रत में सूर्य और षष्ठी माता दोनों की उपासना होती है। इसलिए इसे सूर्यषष्ठी भी कहा जाता है। दिन में छठी व्रतियों ने गेहूं, घी व शक्कर का ठेकुआ, चावल, घी और शक्कर का लड्डू प्रसाद के लिए बनाया। बांस के बने सूप डाला, दौरा, टोकरी में प्रसाद को रखा गया। इसके साथ ही प्रसाद के रूप में सेव, केला, अमरूद, नींबू सहित अन्य फल प्रसाद के रूप में रखे गए।आज तड़के उगते सूर्य को अ‌र्घ्य दिया जाएगा। उगते हुए सूर्य को अ‌र्घ्य देने के लिए छठ व्रती सूर्य उदय से पहले ही घाट पहुंचने लगेंगे। उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देने के बाद 36 घंटे का कठिन व्रत का पारण होगा।घरों से लेकर घाटों तक भक्तिपूर्ण माहौल बना रहा। छठ महापर्व की तैयारियां घरों में कई दिनों से चल रही थीं। घरों से लेकर घाटों तक भक्ति के गीत गूंजते रहे।
महराजगंज नगर पालिका के बलिया नाला ,रेऺंहाव नाला , निचलौल के नारायणी शाखाओं पर , घोड़हवा विष्णु मन्दिर पोखरा, गायत्री पोखरा , नौतनवा,फरेन्दा, घुघली, सिसवा,पनियरा,परतावल , मुजुरी ,लक्ष्मीपुर , आदि क्षेत्र के ग्राम सभाओं में छठ महापर्व पर भव्य कार्यक्रम गूंजते रहे। भक्तिमय गीतों ने माहौल को भक्तिमय बना दिया।