November 21, 2024

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

परिवार नियोजन में महिलाओं की पहली पसंद बनी अंतरा

-8959  महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन अपनाया

-अनचाहे गर्भ को रोकने में त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन कारगर

देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)14 जून…
परिवार नियोजन के लिए त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन अधिकांश महिलाएं अपनाने लगीं है। भय और भ्रांति के कारण कतराने वाली महिलाएं भी अब इसका महत्व समझकर इसे पसंद करने लगीं हैं। स्वास्थ्य कर्मियों की ओर से इसके लिए महिलाओं को प्रेरित करना भी कारगर साबित हो रहा है। महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है कि दो बच्चों के पैदा होने में अंतर रखने व अनचाहे गर्भ को रोकने में त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन कारगर है। इसके चलते पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष गर्भ निरोधक अंतरा इंजेक्शन लेने वाली महिलाओं की संख्या तीन गुनी से अधिक हो गई है। इस वर्ष 8959  महिलाओं ने अंतरा को पसंद किया है।

न्यू पीएचसी रामनाथ पर तैनात एएनएम वंदना बताती हैं कि शुरूआती दौर में महिलाओं को अंतरा इंजेक्शन का लाभ देने में बड़ी दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं। महिला माहवारी के दौरान अधिक रक्तस्राव होने के चलते इंजेक्शन लेने से घबराती हैं। इसके अलावा इंजेक्शन के प्रतिकूल प्रभाव का हवाला देकर पीछे हटती हैं। जब उन्हें समझाया जाता है कि माहवारी में अधिक रक्तस्राव, इंजेक्शन का नहीं, बल्कि यह सिर्फ हार्मोनल असर है, जो हानिकारक नहीं हैं, तब महिलाएं तैयार हो जाती हैं। इसके साथ पहली बार अंतरा इंजेक्शन लगवाने वाली महिला को दो बच्चों के बीच अंतर रखने में होने वाले फायदे भी समझाए जाते हैं।

उमा नगर निवासी रनिता कहना है कि उनके दो बेटे है, एक की उम्र 9 साल है तो दूसरे की 5 साल है। वह पिछले ढाई साल से अंतरा इंजेक्शन का उपयोग कर रही हैं। वह बताती हैं कि एएनएम दीदी द्वारा इस इंजेक्शन के बारे में जानकारी मिली। वह हर तीन महीने में इंजेक्शन लगवा लेती है, उन्हें कोई दिक्कत नहीं हो रही है।

हर डोज पर 100 रुपये प्रोत्साहन राशि

एसीएमओ आरसीएच डॉ. बीपी सिंह ने बताया कि अप्रैल 2020 से लेकर मार्च 2021 तक 2300 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन लगवाया, जबकि अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक 8959  महिलाओं ने अंतरा के प्रति रुचि दिखाई है।
उन्होंने बताया कि त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन का लाभ लेने वाली महिला को प्रति डोज लगवाने पर 100 रुपये की प्रोत्साहन राशि विभाग की ओर से दी जाती है। महिला के साथ आशा को भी प्रति डोज 100 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए समुदाय को जागरूक करने के साथ ही स्थायी व अस्थायी, दोनों विधियों की सेवाएं दी जा रहीं हैं। स्थायी विधि में नसबंदी है, जबकि अस्थाई विधि में कॉपर टी, त्रैमासिक गर्भनिरोधक अंतरा इंजेक्शन, माला डी, माला एन आदि का इस्तेमाल शामिल है।

संवादाता देवरिया..