संत कबीर नगर(राष्ट्र की परम्परा)। लोक मंगल की पत्रकारिता करते थे प्रखर पत्रकार गणेश शंकर विद्यार्थी। वर्तमान समय की पत्रकारिता सामाजिक सरोकार से विमुख होती जा रही है। आजकल अखबारों में आम आदमी की आवाज के लिए जगह नहीं बची है। जिसका कारण बाजारवाद का हावी होना है। मीडिया को पूंजीपतियों ने अपने हाथों में ले लिया है। इसी वजह से मीडिया का पतन हो रहा है। पत्रकारिता में इस गिरावट का एक कारण समाज का रवैया भी है। इसलिए आज पत्रकारिता को अपना मूल धर्म समझने की जरूरत है और यह लोकमंगल की भावना से ही आ सकता है। विद्यार्थी जी की पत्रकारिता लोक कल्याण पर ही केंद्रित रही।
उक्त्त वक्तव्य प्रभा देवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय खलीलाबाद के शिक्षक प्रशिक्षण विभाग द्वारा अमर शहीद गणेश शंकर विद्यार्थी जी की जयंती पर आयोजित परिसंवाद “समकालीन पत्रकारिता में मूल्यों का पतन” विषय पर बोलते हुए प्राचार्य डॉक्टर प्रमोद कुमार त्रिपाठी ने कही।
डॉ० त्रिपाठी ने आगे कहा कि पत्रकारिता के मूल्य को बनाए रखने के लिए त्याग और बलिदान की जरूरत है।
परिसंवाद को संबोधित करते हुए चैनल मैनेजर रीतेश त्रिपाठी ने विद्यार्थी जी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ० रमेश कुमार ने कहा कि गणेश शंकर विद्यार्थी के समय की पत्रकारिता और आज की पत्रकारिता में जमीन-आसमान का अंतर है। आज न वैसे पत्रकार हैं न वैसी पत्रकारिता। उन्होँने ने कहा कि पत्रकार को खोजी होना चाहिए क्योंकि वह समाज का आईना होता है।
परिसंवाद की अध्यक्षता सचिव श्रीमती पुष्पा चतुर्वेदी व संचालन श्रीकृष्ण पाण्डेय ने किया ने किया।
इसके पूर्व उपस्थित जनों ने विद्यार्थी जी के चित्र पर पुष्पंजलि अर्पित कर व दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर सर्वश्री विनोद मिश्रा, नगेन्द्र सिंह, मनीष त्रिपाठी, दीपक सिंह, उमेश कुमार, डॉ०अजय कुमार, सुनीता गौतम, शिलिनी मिश्रा, सीमा पांडेय, ज्योति श्रीवास्तव, संजीव सिंह, विशाल कुमार सहित अनेक लोग उपस्थिति रहे।
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