नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार के बाद अब पश्चिम बंगाल समेत पांच राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीतिक कमान संभालेंगे। शाह अपने चुनावी अभियान की शुरुआत इसी महीने के अंत में पश्चिम बंगाल के दौरे से करेंगे। इसके बाद चुनाव अधिसूचना जारी होने तक वह हर महीने असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी का कम से कम तीन दिनों का प्रवास करेंगे।
बिहार फॉर्मूले पर चुनावी रणनीति
इन राज्यों में अमित शाह की रणनीति बिहार चुनाव मॉडल पर आधारित होगी। इसका मुख्य उद्देश्य पार्टी कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भरना, संगठन को सक्रिय करना और सहयोगी दलों के साथ साझा अभियान एवं ठोस संयुक्त रणनीति को जमीन पर उतारना है। भाजपा पश्चिम बंगाल में अपने दम पर चुनाव लड़ेगी, जबकि असम, केरल और तमिलनाडु में सहयोगी दलों के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरेगी।
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बंगाल में क्षेत्रवार कार्यकर्ता बैठकें
पश्चिम बंगाल में भाजपा को मजबूत करने के लिए शाह क्षेत्रवार कार्यकर्ता बैठकें करेंगे। बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद, स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप रणनीति तैयार करना और संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करना उनके दौरे का अहम हिस्सा होगा। बिहार की तर्ज पर ही बंगाल प्रवास के दौरान संगठनात्मक और रणनीतिक बैठकों में मौजूदा राजनीतिक हालात की समीक्षा की जाएगी और चुनावी मुद्दों को अंतिम रूप दिया जाएगा।
सहयोगियों के साथ साझा अभियान
असम, केरल और तमिलनाडु में भाजपा सहयोगी दलों के साथ साझा रणनीति और संयुक्त प्रचार अभियान चलाएगी। बिहार चुनाव में अपनाए गए मॉडल के तहत बूथ कमेटियों और चुनावी प्रबंधन में सहयोगी दलों के कार्यकर्ताओं को भी शामिल किया जाएगा। संयुक्त प्रचार और समन्वित रणनीति के जरिए एनडीए को जीत दिलाने का लक्ष्य रखा जाएगा।
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