Saturday, October 18, 2025
Homeउत्तर प्रदेशगर्भवती के लिए वरदान साबित है 102 नंबर एम्बुलेंस

गर्भवती के लिए वरदान साबित है 102 नंबर एम्बुलेंस

आपात स्थिति में 17 गर्भवती का एम्बुलेंस कर्मियों ने कराया एम्बुलेंस में सुरक्षित प्रसव

देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)।
जननी सुरक्षा योजना के तहत 102 एंबुलेंस जिले की गर्भवती के लिए वरदान साबित हो रही है। एंबुलेंस की इस सुविधा से ग्रामीण क्षेत्र की गर्भवती को अस्पताल ले जाने और वापस घर पहुँचाने में मदद मिल रही है। साथ ही एम्बुलेंस से परिवहन के दौरान महिला को प्रसव पीड़ा बढ़ने और हालत बिगड़ने पर एंबुलेंस कर्मियों ने ही सुरक्षित प्रसव कराया और मातृ शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में वह मददगार बन रहे हैं। अप्रैल 2023 से अब तक 17811 गर्भवती को अस्पताल ले जाने और वापस घर छोड़ने की सुविधा दी गई है। इस दौरान 17 गर्भवती का सुरक्षित प्रसव एम्बुलेंस में ही कराया गया ।
भागलपुर ब्लॉक अंतर्गत एकोना गांव निवासी रघुवीर की पत्नी नीतू देवी ((27) ने अस्पताल जाते समय एंबुलेंस में बच्ची को जन्म दिया। रघुवीर बताते हैं कि सोमवार की सुबह नीतू को प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो गांव की आशा कार्यकर्ता पुष्पा देवी को सूचना देने के साथ 102 नंबर एम्बुलेंस को भी सूचना दी। दस मिनट बाद 102 नंबर की एंबुलेंस नीतू को लेने घर पहुंची। एंबुलेंस कर्मी आशा कार्यकर्ता के साथ नीतू को लेकर अस्पताल जा रहे थे। रास्ते में ही एकोना मोड़ ईंट भट्ठे के पास नीतू को प्रसव पीड़ा तेज हुई और उनकी हालत बिगड़ने लगी। यह देख एंबुलेंस चालक रंजीत ने ईएमटी अवनीश कुमार के कहने पर गाड़ी को रोक दिया। ईएमटी अवनीश कुमार और आशा पुष्पा ने सूझबूझ के साथ महिला का प्रसव एंबुलेंस में कराया। महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया। इसके बाद एंबुलेंस दोनों को लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परासिया चंदौर पहुंची और भर्ती कराया। रघुवीर ने बताया कि जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।

सीएमओ डॉ. राजेश झा ने बताया कि एंबुलेंस की सुविधा से न केवल दूर दराज के क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों को बड़ा लाभ पहुंचा है, बल्कि एम्बुलेंस के जरिए स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर भर्ती होने में भी सुविधा रहती है। इतना ही नहीं रास्ते में कोई आपात स्थिति होने पर प्रशिक्षित स्टॉफ काफी हद तक स्थिति को संभाल भी लेता है। सीएमओ ने बताया कि अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं को प्रसव के समय अस्पताल पहुंचने में   परेशानी होती है। इसके लिए एंबुलेंस चालकों को सुरक्षित और  ट्रैफिक से मुक्त रास्तों के जरिए जल्द से जल्द नजदीकी प्रसव केंद्र  पहुंचाने को कहा गया है । सीएमओ ने बताया कि प्रसव के बाद महिला को जांच के लिए 45 दिन तक और बच्चे को टीकाकरण और स्वास्थ्य जांच के लिए दो वर्ष तक 102 एम्बुलेंस कि सुविधा सरकारी प्रावधानों के अनुसार दी जाती है।
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