अशरफी मिशन के जलसे में जुटे अकीदतमंद
बरहज/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)
सोमवार की देर रात पटेल नगर जहाज घाट स्थित अशरफी मिशन में जलसे ईद मिलादुन्नबी का आयोजन हुआ, जिसमें किछौछा से आये मौलाना डा. मोहम्मद सैय्यद जलालुद्दीन अशरफ जिलानी ने तकरीर करते हुए कहा कि सभी मखलूकों में अल्लाह तआला ने इंसान को बहुत बड़ी नेमतों के साथ जमीन पर उतारा।जमीन पर इस चलते – फिरते इंसान की सभी करतूतों से अल्लाह तआला वाकिफ हैं वह इंसानों के किसी भी कार्यो से अनभिज्ञ नहीं है। अल्लाह ने इंसान को सोचने -समझने और अच्छे – बुरे को पहचानने की खूबियां दी है। इसीलिए इंसान को अशरफुल मखलूकात कहा गया है। अल्लाह ने इंसान को इबादत करने और नेक कार्यों को करने के लिए पैदा किया है।
मौलाना ने आगे कहा कि पूरी दुनिया में आजकल के बदलते दौर में मुसलमानों की चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। मुसलमान जिस इस्लाम धर्म को मानता है उसका मूल पैगाम सद्भावना और मुहब्बत है जिस पर हर मुसलमान को चलना चाहिए इससे अल्लाह खुश होता है, लेकिन मुसलमान आज दीन से दूर होकर भटकता जा रहा है। तमाम परेशानियां इसीलिए है।अगर हर मुसलमान इबारत और नेक राह पर चलते हुए मजबूती के साथ अल्लाह का दामन पकड़ ले तो सारी परेशानियां अपने आप खत्म हो जायेगी। जलसे में मौलाना इस्माईल निजामी घोसी, हाफिज अरशद खान, हाफिज असगर अली,हाफिज अख्तर,मोसद्दीक अशरफी, मौलाना सलीमुद्दीन, मौलाना हकीम, मौलाना हादी आलम ने नात व तकरीर की।सदारत मौलाना नुरूल इस्लाम अशरफी एवं संचालन मजहरूल हक ने किया। जलसे में मुख्य रूप से जफरूल मास्टर, गुलाम रसूल, मुजफ्फर हुसैन मंसूरी,अब्दुल खालिक, मंजूर अली,मन्नान खां, सूफियान रजा, मोहम्मद अरमान, मोहम्मद आलम,जैकी खान,शराफत अली ,इस्लाम आदि बड़ी तादाद में अकीदतमंद शामिल हुए।
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