जागरण पहल संस्था के सहयोग से मेडिकल कालेज में स्थापित हुआ जिंक ओ.आर.एस कार्नर
बहराइच (राष्ट्र की परम्परा) । मेडिकल कॉलेज के बच्चों के वार्ड में जागरण पहल संस्था के सहयोग से ‘डायरिया नेट जीरो’ कार्यक्रम के तहत जिंक-ओआरएस कॉर्नर की स्थापना की गई। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एम.एम.एम. त्रिपाठी ने फीता काटकर इसका शुभारंभ किया। इस अवसर पर वार्ड में भर्ती बच्चों और उनकी माताओं को डेटॉल साबुन, जिंक की गोलियां और ओआरएस पैकेट वितरित किए गये।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ त्रिपाठी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, हर पांच बच्चों में से एक की मृत्यु डायरिया से होती है। उन्होंने बताया कि डायरिया के शुरुआती उपचार में जिंक और ओआरएस का उपयोग बच्चों को निर्जलीकरण से बचाने में मदद करता है। उन्होंने डायरिया से बचाव के लिए सात सरल और प्रभावी उपाय बताए। जिसमें नियमित रूप से साबुन से हाथ धोना, साफ और सुरक्षित पानी का सेवन करना, शिशु को छह माह तक केवल स्तनपान कराना, बच्चे के टीकाकरण सत्र के दौरान रोटावायरस वैक्सीन लगवाना, दस्त की स्थिति में तुरन्त जिंक और ओआरएस घोल का उपयोग करना, और स्वच्छ शौचालय का प्रयोग करना।
जिला समन्वयक सईद और ब्लॉक समन्वयक बिपिन पांडेय ने जिंक-ओआरएस कॉर्नर की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उपस्थित लोगों को ओआरएस घोल बनाने की विधि और जिंक की सही खुराक के बारे में जानकारी दी। सईद ने बताया कि ‘डायरिया नेट जीरो’ टीम कि जनपद के बलहा ब्लाक में डेटॉल डायरिया नेट जीरो की टीम जागरुकता अभियान गांवों में घर-घर जाकर काम कर रही है। इस दौरान ब्लाक के 2600 घरों के सर्वे में 250 बच्चे डायरिया से पीड़ित पाए गये, जिन्हें जिंक और ओआरएस से उपचारित किया गया और गंभीर मामलों में अस्पताल रेफर किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ डॉक्टर परितोष तिवारी, बच्चों के विशेषज्ञ डॉ आर.के. कुरील और डॉ. परवेज, हॉस्पिटल मैनेजर रिजवान, फार्मासिस्ट, एएनएम, पोषण पुनर्वास केंद्र की नर्सिंग स्टाफ और ‘डायरिया नेट जीरो’ कार्यक्रम की कार्यकर्ता गुलाबी, जुबैदा और उर्मिला भी उपस्थित रहीं।
More Stories
प्राथमिक शाला लालमाटी में धूमधाम से मनाया गया वसंतोत्सव
राइज इंटर कालेज के बच्चों ने वार्षिकोत्सव में विखेरा जलवा
विद्या और बुद्धि की अधिष्ठात्री देवी हैं माँ सरस्वती- तहसीलदार