Tuesday, October 28, 2025
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कीटनाशी दुकानों पर प्रशासन का शिकंजा: 17 संदिग्ध नमूने जांच को भेजे, तीन प्रतिष्ठानों को नोटिस

किसानों को गुणवत्तायुक्त रसायन दिलाने की कवायद तेज

बस्ती(राष्ट्र की परम्परा)।
खरीफ फसलों की तैयारी के बीच किसानों को मिलावट और अधोमानक कीटनाशी से बचाने के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। जिलाधिकारी रवीश गुप्ता के स्पष्ट निर्देशों के तहत जिले में पंजीकृत कीटनाशी विक्रेताओं पर ताबड़तोड़ छापेमारी अभियान चलाया गया। अभियान की अगुवाई स्वयं जिला कृषि रक्षा अधिकारी रतन शंकर ओझा ने की, जिनकी सख्त निगरानी और नेतृत्व में कई अहम खामियों का पर्दाफाश हुआ।

तीन तहसीलों में गठित विशेष टीमों ने एक ही दिन में जिले के 21 कीटनाशी प्रतिष्ठानों की गहन जांच की। इस दौरान 17 संदिग्ध कीटनाशी रसायनों के नमूने संकलित कर उन्हें राजकीय प्रयोगशाला भेजा गया है, जहां से रिपोर्ट आने के बाद कीटनाशी अधिनियम, 1968 के अंतर्गत कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।

जिला कृषि रक्षा अधिकारी रतन शंकर ओझा ने जांच के बाद दो टूक कहा कि किसानों की मेहनत और फसल की गुणवत्ता से समझौता करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। हर विक्रेता को निर्देशित किया गया है कि वह केवल उच्च गुणवत्ता वाले रसायन ही कैश मेमो सहित प्रदान करें, अन्यथा लाइसेंस रद्दीकरण तक की कार्रवाई की जाएगी।

निरीक्षण के दौरान कुछ प्रतिष्ठान गैर-जिम्मेदाराना रवैये के साथ सामने आए। सदर तहसील का मौर्या बीज भंडार बंद मिला, जबकि कसौधन बीज भंडार नगर बाजार और ए. के. फर्टिलाइजर्स कप्तानगंज ने निरीक्षण में जरूरी अभिलेख प्रस्तुत नहीं किए, जिसके चलते प्रशासन ने तीनों प्रतिष्ठानों को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

इस कार्रवाई में उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी और जिला कृषि रक्षा अधिकारी रतन शंकर ओझा की भूमिका बेहद सक्रिय रही। जिलाधिकारी द्वारा गठित टीमों को तहसील स्तर पर तहसीलदारों का सहयोग भी सुनिश्चित कराया गया था, जिससे अभियान की तीव्रता और सघनता बनी रही।

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