Wednesday, December 3, 2025
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ठंड बढ़ने पर पशुओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन अलर्ट, डीएम दिव्या मित्तल ने जारी की जरूरी सलाह

देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। जनपद में तेजी से बढ़ रही ठंड और शीतलहर को देखते हुए जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल ने पशुपालकों को पशुधन की विशेष देखभाल करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कड़ाके की सर्दी में पशुओं को सामान्य दिनों की तुलना में अधिक ऊर्जा, गर्माहट और पौष्टिक आहार की आवश्यकता होती है। तापमान में उतार–चढ़ाव का सीधा असर मवेशियों की सेहत और प्रजनन क्षमता पर पड़ सकता है, इसलिए सतर्कता जरूरी है।

रात में पशुओं के लिए गर्माहट की व्यवस्था आवश्यक

डीएम दिव्या मित्तल ने निर्देश दिया कि पशुओं के रहने के स्थान को अच्छी तरह ढककर रखा जाए, ताकि ठंडी हवाओं से बचाव हो सके। गाय–भैंसों और पोल्ट्री के लिए आवश्यकतानुसार तापयुक्त व्यवस्था करना भी जरूरी बताया गया।
उन्होंने कहा कि उच्च गुणवत्ता वाले चारे, वसायुक्त खुराक और पर्याप्त चरागाह का उपयोग सर्दियों में पशुओं के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। साथ ही उनके भोजन सेवन और जुगाली गतिविधि पर नियमित नजर रखना जरूरी है।

जलवायु-अनुकूल शेड और सूखे बिछावन की सलाह

डीएम ने कहा कि पशुओं के लिए ऐसे शेड तैयार किए जाएँ जिनमें पर्याप्त सूर्य प्रकाश पहुँच सके। पशुओं के नीचे सूखा भूसा या अन्य बिछावन सामग्री डालने से नमी और ठंड का असर कम होता है।
उन्होंने सुझाव दिया कि स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार उपयुक्त नस्लों को अपनाने से बेहतर परिणाम मिलते हैं।

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खुले में न बांधें पशु, ठंडा पानी व चारा देने से बचें

जिलाधिकारी ने पशुपालकों से अपील की कि कड़ाके की ठंड में पशुओं को खुले स्थानों पर न बांधें और अनावश्यक रूप से घूमने न दें। इस दौरान पशु मेलों में भाग लेने से भी बचने की सलाह दी गई।
डीएम ने ठंडा पानी और ठंडा चारा देने से परहेज करने को कहा और निर्देश दिया कि पशु आश्रय स्थलों में नमी, धुएं और गंदगी से मुक्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

मृत पशुओं के निस्तारण पर विशेष निर्देश

स्वच्छता को प्राथमिकता देते हुए डीएम दिव्या मित्तल ने मृत पशुओं के उचित निस्तारण की बात कही। उन्होंने स्पष्ट किया कि शवों को नियमित चराई मार्गों पर फेंकना पूरी तरह प्रतिबंधित है।
प्रशासन द्वारा जारी ये निर्देश शीतलहर के दौरान पशुधन को संक्रमण, तनाव और संभावित बीमारियों से बचाने के उद्देश्य से दिए गए हैं।

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