सुरक्षा व्यवस्था में जुटे कर्मियों की छूटी पसीने

भाटपाररानी (राष्ट्र की परम्परा)। सावन मास के तीसरे सोमवार को पूरे क्षेत्र में शिवभक्ति की बेमिसाल तस्वीरें सामने आईं। भाटपाररानी तहसील क्षेत्र व आसपास के शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा। हर तरफ “हर-हर महादेव” के जयघोष से वातावरण गुंजायमान रहा। सुबह तड़के से ही मंदिरों में जलाभिषेक और पूजा-अर्चना का क्रम शुरू हो गया जो देर शाम तक चलता रहा। प्रमुख शिवालयों में उमड़ा जनसैलाब श्री राम जानकी मंदिर सोहनपुर, अकटही बाजार, भैसही, नरहीया, बनकटा, सलेमपुर के दीर्घेश्वरनाथ मंदिर सहित बिहार सीमा से सटे सीवान जिले के गुठनी थानाक्षेत्र स्थित प्राचीन सोहगरा धाम और बाबा हंसनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। किवदंतियों के अनुसार यह मंदिर बाणासुर द्वारा स्थापित माना जाता है और मान्यता है कि यहां पूजा से मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है। श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, महिलाओं में विशेष उत्साह सावन के इस पावन दिन पर महिला और पुरुष श्रद्धालुओं की लंबी कतारें मंदिरों में देखने को मिलीं। पारंपरिक वेशभूषा में सजे भक्त बेलपत्र, धतूरा, फूल और पूजा सामग्री लेकर बाबा भोलेनाथ के दर्शन-पूजन में लीन दिखे। विशेष रूप से महिलाओं और युवतियों में जबरदस्त आस्था और ऊर्जा देखने को मिली। सुरक्षा बलों की रही कड़ी मशक्कत भीड़ को नियंत्रित करने और शांति व्यवस्था बनाए रखने में सुरक्षा बलों की अहम भूमिका रही। रानी पोखरे के बगल स्थित प्राचीन शिव मंदिर समेत अन्य प्रमुख मंदिरों पर पुलिस बल की तैनाती की गई थी। श्रद्धालुओं को कतारबद्ध कर दर्शन कराए गए। कहीं से कोई अव्यवस्था की सूचना नहीं मिली, लेकिन उमस और भीड़ के चलते सुरक्षा कर्मियों की हालत पसीने-पसीने हो गई। भक्ति, अनुशासन और समर्पण का सुंदर समन्वय पूरे आयोजन में अनुशासन और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिला। श्रद्धालुओं ने न सिर्फ अपने आराध्य का पूजन किया बल्कि व्यवस्था में सहयोग भी किया। आयोजकों ने भी जगह-जगह जलपान, चप्पल स्टैंड, चिकित्सा और ट्रैफिक व्यवस्था की समुचित व्यवस्था कर रखी थी। इस तरह सावन का तीसरा सोमवार पूरी तरह शिवमय रहा और श्रद्धा व व्यवस्था दोनों ने मिलकर एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया।

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