प्राथमिक विद्यालय बागापार टोला कोदईपुर का मामला, जांच की मांग तेज
महराजगंज (राष्ट्र की परम्परा)। जहां विद्यालय को विद्या का मंदिर कहा जाता है, वहीं सदर विकासखंड के ग्राम पंचायत बागापार टोला कोदईपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय आजकल विवादों का अखाड़ा बन गया है।
विद्यालय में तैनात शिक्षिका रीना कन्नौजिया और शिक्षा मित्र राधा पाण्डेय के बीच जारी विवाद ने न केवल विद्यालय की शिक्षण व्यवस्था चरमराई है, बल्कि पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। शुक्रवार की सुबह लगभग 9:50 बजे जब मीडिया टीम विद्यालय पहुंची, तो नजारा चौंकाने वाला था।
मुख्य शिक्षिका रीना कन्नौजिया विद्यालय में अनुपस्थित पाई गईं। विद्यालय में 47 बच्चों का पंजीकरण है, लेकिन केवल 12 बच्चे ही मौके पर मौजूद थे।
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ग्रामीणों के अनुसार विद्यालय में मिड-डे मील योजना में गड़बड़ियां आम बात हो चुकी हैं। गैस सिलेंडर और चूल्हा मौजूद होने के बावजूद बच्चों का भोजन लकड़ी पर बनवाया जा रहा है, जिससे सरकारी संसाधनों की बर्बादी और बच्चों के स्वास्थ्य पर खतरा मंडरा रहा है।
जब मीडिया ने विद्यालय की स्थिति और विवाद के बारे में शिक्षिका रीना कन्नौजिया से जानकारी लेनी चाही, तो उन्होंने पत्रकार से अभद्र भाषा में कहा कि
तुम मुख्यमंत्री, डीएम, बीएसए, बीईओ किसी को भी बुला लो, मैं देख लूंगी
इतना ही नहीं, उन्होंने खबर प्रकाशित करने पर पत्रकार को धमकी भी दी।
यह व्यवहार न केवल सरकारी सेवा मर्यादा के खिलाफ है बल्कि शिक्षा विभाग की छवि पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।
सूत्रों के अनुसार, विवाद तब शुरू हुआ जब शिक्षा मित्र राधा पाण्डेय बच्चों को मोबाइल के माध्यम से कविताएं सुना रही थीं ताकि सीमित साधनों में पढ़ाई को रोचक बनाया जा सके।
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इस पर शिक्षिका रीना कन्नौजिया भड़क गईं और बच्चों से कहा — उसे पढ़ाने नहीं आता, तुम लोग उसके पास क्यों जाते हो। इसके बाद दोनों के बीच तीखी नोकझोंक हुई और शिक्षिका द्वारा अपशब्दों का प्रयोग किया गया, जिससे विद्यालय का माहौल अशांत हो गया।
ग्रामीणों ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब शिक्षिका विवाद में आई हों। उनका व्यवहार पहले भी स्टाफ और बच्चों दोनों के प्रति अनुचित रहा है, जिससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है। ग्रामीणों ने संयुक्त रूप से विवादित शिक्षिका रीना कन्नौजिया के खिलाफ विभागीय जांच और मिड-डे मील योजना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे उच्चाधिकारियों को ज्ञापन सौंपने और आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षाधिकारी रिद्धि पाण्डेय ने कहा कि मौके का लोकेशन फोटो और साक्ष्य भेजें, जांच कराकर संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
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