July 7, 2025

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

बंगला देश मे हिंदुओ पर हो रहे नरसंहार के खिलाफ डीएम को सौपा ज्ञापन

बंगलादेशी मुसलमानों व रोहिंग्या मुसलमानों को देश से बाहर निकाले सरकार-अजित पाण्डेय

गोरखपुर(राष्ट्र की परम्परा)
जहाँ भारत मे मंदिरों में घड़ी घण्टो के साथ हर हर महादेव के जयकारे भक्तों द्वारा लगाए जा रहै हैं,वही पड़ोसी देश बंगला देश मे तख्ता पलट के बाद हिन्दुओ पर अत्याचार किया जा रहा हैं, मंदिरों को तोड़ा जा रहा है तथा घरों को जलाया जा रहा है।हजारों के हजारों हिन्दू परिवार बंगलादेश बार्डर से भारत मे आने के लिए भारत की ओर टकटकी लगाए देख रहे हैं, और सरकार शांत हैं।उक्त बातें शिव सेना सम्भाग प्रमुख अजीत पाण्डेय ने कही।
बताते चलें कि शुक्रवार को बंगलादेश में बंगलादेशी मसलमानों द्वारा हिन्दू बहन बेटियों पर किये जा रहे अत्याचार, व मंदिरों को तोड़ने तथा घरों को जलाने के खिलाफ शिव सेना सम्भाग प्रमुख अजित पाण्डेय व प्रदेश महामंत्री लल्लन दुबे के नेतृत्व में शिव सैनिकों के साथ भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी गोरखपुर को सौंपा।
इस दौरान प्रदेश महामंत्री लल्लन दुबे ने कहा कि आज बंगलादेश में हिन्दू खतरे में हैं, बहन बेटियों के साथ घोर अत्यचार किया जा रहा है , अगर यह अत्यचार बंद नही किया जा रहा है तो हम सभी हिंदू शिव सैनिक इसका मुंहतोड़ जवाब देंगे।इसी क्रम में शिव सेना सम्भाग प्रमुख अजित पाण्डेय ने सरकार से ज्ञापन के माध्यम से मांग किया कि जिस तरह से बंगलादेश में हिन्दू परिवारों के साथ घोर अत्याचार किया जा रहा है उसे देखते हुए सरकार रोहिंग्या मुसलमानों व बंगलादेशी मुसलमानों को भारत से बाहर खदेड़ा जाय। अजित पाण्डेय ने दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि, आज हिदू परिवार बंगलादेश में सुरक्षित नहीं हैं। उन्हें भारत मे शरण सरकार को देना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि हम सभी शिव सैनिक भारत सरकार से यह मांग करते हैं कि हिन्दू परिवारों, मंदिरों और घरों को सुरक्षा प्रदान कराए तथा हिंदुस्तान से रोहिंग्या मुसलमानों व बंगलादेशी मुसलमानों को खदेड़े। इस दौरान प्रान्त संगठन मंत्री गौरव पाण्डेय ,जिला प्रभारी ई.पुनीत शुक्ला, बिट्टू मिश्रा, नवनीत देवेदी, प्रवीण तिवारी, देवेशपति त्रिपाठी, दीपक तिवारी, सुधाकर मिश्रा, रमेश द्विवेदी,राजा बाबू,रामसिंह यादव,दिलीप निषाद, प्रभुनाथ यादव सहित अन्य लोग मौजूद रहे।