गोरखपुर(राष्ट्र क़ी परम्परा)पूर्वोत्तर रेलवे पर संरक्षित रेल परिचालन एवं सड़क यातायात को सुगम बनाने के लिये रेल समपारों को सुनियोजित तरीके से समाप्त किया जा रहा है। इसके लिए योजनाबद्ध रूप में समपारों के स्थान पर सड़क उपागमी पुल एवं सड़क अधोगामी पुल का निर्माण किया जा रहा है। जिससे संरक्षित रेल परिचालन के साथ-साथ सड़क यातायात भी निर्बाध एवं बेहतर हो रहा है। वाराणसी-औंड़िहार खण्ड पर वाराणसी सिटी-सारनाथ रेलवे स्टेशनों के बीच समपार संख्या 23-ए पर राज्य एवं केन्द्र सरकार की सहभागिता से सड़क उपरिगामी पुल का निर्माण पूरा हो गया है। इस सड़क उपरिगामी पुल को सड़क यातायात के लिए खोल दिया गया है, जिससे वाराणसी के नगर वासियों को बहुत सहूलियत हो रही है। समपार संख्या 23-ए का उपयोग वाराणसी से गाजीपुर, बलिया, गोरखपुर, सोनौली, कुशीनगर आदि नगरों को आने-जाने हेतु सड़क वाहनों द्वारा उपयोग किया जाता है। छपरा, बलिया, गाजीपुर, मऊ, देवरिया, गोरखपुर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, लखनऊ, प्रयागराज, मुंबई आदि नगरों के लिए चलने वाली ट्रेनें इस समपार फाटक से गुजरती है।इस परियोजना के अंतर्गत पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा इस समपार पर 45.40 मीटर का धनुष आकार का पुल बनाया गया है। इसके साथ ही समपार फाटक संख्या 23-ए पर छोटे वाहनों के आवागमन हेतु 2.50 मीटर ऊंचाई का अंडर पास का निर्माण भी कराया गया है,जिससे क्षेत्रीय जनता को इसका सीधा लाभ सुविधा के रूप में मिल रहा है।ज्ञातव्य हो कि माननीय प्रधानमंत्री जी के कर कमलों द्वारा इस रोड ओवरब्रिज का शिलान्यास किया गया था। वाराणसी जिले में पूर्वोत्तर रेलवे के समपार सं० 23-ए वाराणसी सिटी सारनाथ स्टेशनों के मध्य कि.मी. 200/9-201/0 पर स्थित है। इस खण्ड पर अत्यधिक रेल परिचालन होने से उक्त समपार बहुधा सड़क यातायात बन्द रहता था, जिससे समपार पर अत्यधिक जाम की स्थिति बनी रहती थी। इस समपार पर रेल उपरिगामी पुल एवं अधोगामी पुल बन जाने से जहां सड़क यातायात निर्बाध और सुविधाजनक तरीके से हो रहा है, वहीं ट्रेनों का संरक्षित परिचालन, रेल एवं सड़क यात्रियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो गई है ।
पूर्वोत्तर रेलवे की बड़ी उपलब्धि: वाराणसी-औंड़िहार खंड पर आरओबी से ट्रैफिक को राहत
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