अटल जी का व्यक्तित्व स्वयं इतना विराट है कि उनके जीवन से हमें हर भावी पीढ़ी में कुछ न कुछ सीखने के लिए पर्याप्त सामग्री मिल जाती है: प्रो पूनम टण्डन
अटल युवा कवि सम्मेलन में गूंजी भारतीय दर्शन की चेतना
गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई के जन्म शताब्दी वर्ष के समापन की पूर्व संध्या पर दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ तरंग द्वारा अटल युवा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अटल जी के साहित्य, दर्शन और राष्ट्रबोध को केंद्र में रखकर युवा कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो पूनम टंडन ने की। मुख्य अतिथि के रूप में विश्वप्रसिद्ध शायर डॉ कलीम कैसर उपस्थित रहे। इस अवसर पर डॉ कलीम कैसर ने कहा कि अटल जी की कविताओं में भारतीय दर्शन की स्पष्ट झांकी दिखाई देती है, जो युवाओं को राष्ट्र और समाज से जोड़ती है।
कुलपति प्रो पूनम टंडन ने कहा कि अटल जी का व्यक्तित्व इतना विराट है कि उनके जीवन से हर पीढ़ी के लिए सीखने योग्य अनेक प्रसंग मिलते हैं। ऐसे सांस्कृतिक प्रयास विद्यार्थियों की छिपी प्रतिभाओं को सामने लाने का सशक्त माध्यम बनते हैं।
जन्म शताब्दी वर्ष कार्यक्रम के प्रभारी डॉ आमोद कुमार राय ने बताया कि वर्ष भर विश्वविद्यालय में अटल जी के राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक योगदान पर केंद्रित कार्यक्रम आयोजित किए गए। समापन अवसर पर आयोजित इस प्रतियोगिता में कुल 25 पंजीकृत प्रतिभागियों में से स्क्रीनिंग के बाद 8 श्रेष्ठ युवा कवियों का चयन किया गया।
बाबाप्रतियोगिता में प्रथम स्थान उदय प्रताप सिंह, द्वितीय स्थान प्रशांत कुमार राय और अंजलि पटेल, जबकि तृतीय स्थान वंशिका बरनवाल ने प्राप्त किया।
कार्यक्रम का संयोजन तरंग प्रकोष्ठ की निदेशक प्रो ऊषा सिंह के निर्देशन में हुआ। निर्णायक मंडल में प्रो राम दरस राय और प्रो अजय कुमार शुक्ल शामिल रहे। संचालन डॉ कुलदीपक शुक्ल ने किया।
इस अवसर पर कला संकाय की अधिष्ठाता कीर्ति पांडे, छात्र कल्याण अधिष्ठाता अनुभूति दुबे सहित अनेक शिक्षक और साहित्यप्रेमी उपस्थित रहे। आयोजन को सफल बनाने में विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं कर्मचारियों का सराहनीय योगदान रहा।
