April 18, 2025

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हनुमान जन्मोत्सव: ऐतिहासिक महत्व के अति प्राचीन हनुमान मंदिर में विशेष पूजन अर्चन

भाटपार रानी देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)

श्री हनुमान जी के जन्म चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मंगलवार को हुआ था जो कि मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा अर्चना की जाती है।सभी भक्त पूजा पाठ करके हर्षोल्लास के साथ हनुमान जी का जन्मदिन मनाते हैं। हिन्दू धर्म में हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है। जो कि मनुष्य के जीवन की बड़ी से बड़ी परेशानी से मुक्ति श्री हनुमान जी की पूजा करने से मिल जाती है ऐसा भक्त मानते हैं।हनुमान जी को संकट मोचन, एवं अष्ट सिद्धि नव निधि का दाता भी कहा जाता है। सनातन के सभी सनातन धर्मानुरागी हनुमान जी का जन्मदिन एक महापर्व के रूप में मनाते हैं। हनुमान जी को शिव का 11वां अवतार भी माना जाता है हनुमानजी की पूजा करने वाले भक्तों को निरंतर उनके जीवन में आने वाली परेशानियों से मुक्ति मिलती है। हनुमान जी की विधि विधान से पूजा करने पर व्यक्ति के सभी कष्ट विकार विकार दूर होते हैं तथा मनोकामनाएं पूर्ण होती है पवन सुत हनुमान जी बहुत ही दयालु हैं। उनका रुद्रावतार अपने भक्तों की सारी पीड़ा हरने वाला है वहीं बजरंगबली की कृपा जिस पर भी हो जाती है उसे दुनिया का कोई भी दुख छू नहीं पाता है। हनुमान जन्मोत्सव पर बजरंगबली की विधिवत पूजा अर्चना भाटपार रानी तहसील क्षेत्र के बनकटा थाना क्षेत्र स्थित ग्राम भैसही मठ में गांव निवासी साहेब सिंह एवं अहिरौली बघेल, तथा अघाव ग्राम, व आस पास के लोगों द्वारा की गई बताते चलें कि यहां पर स्थापित यह अति प्राचीन हनुमान मंदिर हजारों साल पुरानी है जो कि गांव के लोगों द्वारा यहां पर प्रभु श्री राम जन्म स्थान अयोध्या धाम जैसी आदमकद विशाल हनुमान जी की एक ही विशाल शिला में निर्मित प्रतिमा तथा वहीं बगल में स्थित अष्टकोण के कुआं के खुदाई एवं भैसही गांव के पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व को उजागर करने की मांग की जा रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस गांव का नाम ही भैसही मठ है जहां पहले यहां के मठ की कुल 1,600 बिग्घे जमीन हुआ करती थी ऐसा ग्रामीण बताते हैं।किन्तु अब मंदिर के आस पास थोड़ी बहुत ही जमीन शेष बची है। यहां भी अयोध्या के जितनी ऊंचाई पर ही और ठीक वैसी हनुमान गढ़ी जैसी ही हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित हैं। किंतु यहां एक ही विशाल शिला पर निर्मित प्रतिमा है जिनके नीचे के हिस्से में पैरों तले श्री हनुमान जी जिस पर विराजमान हैं एक राक्षसी आकार लेटा हुआ प्रतिमा भी बना है जिस पर हनुमान जी अपने दोनों ही पैर रख कर विराज मान हैं। देखने से ही लगता है बस हनुमान जी भक्त से जैसे बाते कर रहे हों। ऐसी यहां आने वाले व्यक्तियों भक्तों की अद्भुत अनुभूति रहती आई है। भाजपा युवा मोर्चा के ब्लाक अध्यक्ष राहुल सिंह ने बताया सरकार एवं प्रशासन को चाहिए इसे संरक्षित करें।
ग्रामीण साहेब सिंग ने कई बार गांव के इस ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए सनातन एवं पुरातन महत्व के अनुरूप इसे बचाए जाने को पत्र भी लिखा गया है किंतु ग्राम प्रधान एवं अधिकारियों पर अनदेखी के आरोप लगाए जा रहे हैं।
हनुमान जयंती पर जानकार कहते हैं हनुमान जी को लड्डू का भोग लगाना चाहिए क्योंकि उन्हें लड्डू बहुत पसंद है। सुबह-सुबह हनुमान जी का ध्यान करने से इंसान समस्त सांसारिक कष्टों से मुक्ति पा जाता है माना जाता है कि कलयुग में हनुमान जी ही ऐसे देवता है जो धरती पर विराजमान होकर भक्तों का उद्धार करते हैं राम भक्त हनुमान की महिमा का गुणगान सदैव करते रहना चाहिए हनुमान जी को बाल ब्रह्मचारी कहा जाता है हनुमान जी को सिंदूर बहुत ही प्रिय है सिंदूर लगाने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं उन्होंने सीता माता की खोज तथा लंका विजय करने में प्रभु राम की मदद की थी हनुमान जन्मोत्सव पूरी दुनिया में मनाया जाने वाला हिन्दुओं का प्रमुख त्योहार है हनुमान जी कलयुग के सबसे प्रभावशाली देवता हैं हनुमान जी की पूजा एवं व्रत करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।