July 7, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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भागवताचार्य संजीव कृष्ण ठाकुर के सान्निध्य में केशव धाम में भागवत कथा का दिव्य समापन”

वृंदावन (राष्ट्र की परम्परा ) केशव धाम प्रबंध समिति के तत्वावधान में केशव धाम, वृंदावन में आयोजित भव्य श्रीमद्भागवत कथा का समापन हवन एवं भंडारे के साथ मंगलमय पूर्ण विश्राम के रूप में संपन्न हुआ। यह दिव्य कथा यज्ञ प्रख्यात भागवताचार्य संजीव कृष्ण ठाकुर के पावन सान्निध्य में सात दिनों तक चला, जिसमें श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
कथा के सप्तम दिवस पर भगवान श्रीकृष्ण के अन्यान्य विवाहों की कथा, प्रद्युम्न जन्म, अनिरुद्ध-ऊषा विवाह एवं सुदामा चरित्र जैसे महत्वपूर्ण प्रसंगों का भावपूर्ण वर्णन किया गया।
भागवताचार्य संजीव कृष्ण ठाकुर ने सुदामा चरित्र की व्याख्या करते हुए कहा कि सुदामा जी दरिद्र नहीं थे, बल्कि आत्मसंतुष्ट और जितेंद्रिय ब्राह्मण थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि भागवत जैसा दिव्य ग्रंथ किसी को “प्रसन्नात्मा जितेंद्रिय” कहकर अलंकृत नहीं कर सकता यदि वह सच में दरिद्र होता। सुदामा जी ने अपना जीवन केवल आत्मा और परमात्मा के लिए समर्पित किया था, न कि सांसारिक तृष्णाओं के लिए।
उन्होंने बताया कि केवल ऐश्वर्य प्राप्त कर लेना मनुष्य को जितेंद्रिय नहीं बना सकता, बल्कि आत्मसंतोष ही व्यक्ति को सच्चा जितेंद्रिय बनाता है, और जो जितेंद्रिय होता है, वही परम ऐश्वर्यवान भी बनता है।
कार्यक्रम के अंतिम चरण में शुकदेव स्वरूप व्यास भगवान के पूजन, विप्र पूजन और भागवत भगवान की भव्य आरती संपन्न हुई। इसके पश्चात विशाल भंडारे के आयोजन के साथ इस सात दिवसीय ज्ञान यज्ञ अनुष्ठान का शुभ समापन हुआ।
श्रद्धालुओं ने हर्षोल्लास के साथ इस दिव्य आयोजन में भाग लिया और धार्मिक सत्संग के इस पावन अवसर से आत्मिक लाभ प्राप्त किया।
केशव धाम वृंदावन में श्रीमद्भागवत कथा का समापन, हवन-भंडारे के साथ हुआ ज्ञान यज्ञ पूर्ण हुआ।