
सलेमपुर, देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)। बाल्यकाल में ही भगवान श्रीकृष्ण ने धरती पर घोर अत्याचार करने वाले अपने मामा राजा कंस के आठ असुरों का वध कर इस धरा को उनके पाप और अत्याचार से मुक्त करा दिया। उक्त बातें नगर के ईचौना पश्चिमी वार्ड में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में श्रद्धालुओं को संगीतमयी कथा का रसपान कराते हुए आचार्य घनश्यामानंद ओझा ने कहा । उन्होंने कहा कि देवताओं के राजा इंद्र देव को अहंकार हो गया था।उनके अहंकार को श्री कृष्ण ने चूर कर दिया। गोपियों के साथ रास लीला कर समाज को प्रेम और सौहार्द से जीने का संदेश दिया।

पूतना,तृणावर्त,वत्सासुर, बकासुर,अघासुर का वध कर मानव जाति का कल्याण किया। आज जरूरत है कि भगवान श्रीकृष्ण के आदर्श व उनके चरित्र को अपने जीवन में उतारकर इस भवसागर से पार पाया जा सके। श्रीमद्भागवत कथा हमें यही शिक्षा देती है कि जीवन मे सदमार्ग पर चले,आपके व्यवहार से किसी को कष्ट न पहुंचे। कथा के दौरान यजमान सरस्वती देवी, तारकेश्वर शुक्ल, डॉ धर्मेन्द्र पांडेय, डॉ प्रदुमन पांडेय, कर्मचारी नेता अशोक पांडेय, रामरतन गुप्त, रामविलास तिवारी,सत्यप्रकाश श्रीवास्तव पिंकू,बेचू गुप्ता, गौरीशंकर मिश्र, डॉ उमेश पांडेय, आशुतोष, रमाकांत मिश्र भोला, संजय तिवारी ,त्रियुगीनारायण पांडेय आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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