July 7, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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सीएचसी स्वास्थ्य केन्द्र पर लटकते मिला ताला इमरजेंसी इलाज नहीं

जर्जर भवन दे रहे हैं दुर्घटना को दावत मामला सीएचसी जासूई, एवं सीएचसी बनकटा भुंडवार का है।

पेयजल व्यवस्था नदारद सहित शराबियों व नशेड़ियों का अड्डा बना है सीएचसी जसुई

भाटपार रानी/देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)
इन दिनों भाटपार रानी तहसील क्षेत्र में स्थित सीएचसी स्वास्थ्य केंद्रों की व्यवस्था पूरी तरह से धराशाई हो चली है। वहीं यहां दो दो सीएचसी केन्द्र की स्थापना हुई। स्थापना के समय क्षेत्रीय जनता एवं मरीजों में उम्मीद की जगी कि एक ही छत के नीचे सभी रोग के विशेषज्ञ चिकित्सक परिक्षण व्यवस्था एवं औषधी संग्रहालय उपलब्ध मिलेगा जब कि भाटपार रानी तहसील क्षेत्र में विभाग के वरिष्ठ जब अपने ही विभाग में अपने मातहत स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार ठेंगा दिखाते आ रहे हैं। दैनिक समाचार पत्र की एक टीम ने गत बुधवार को दिन के तकरीबन 12.46 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जसुई पहुंच कर हाल जाना जहां। मुख्य भवन के मुख्य प्रवेश द्वार पर ताला लटकता पाया गया। यहां चार इंडिया मार्का हैंडपंपों में तीन पूरी तरह से अनुपयोगी है। एक इंडिया मार्का हैंडपंप एम्बुलेंस कर्मियों के निजी सहयोग से सांस ले रहा है। भवनों की स्थिति पूरी तरह जर्जर है। परिसर में तीन एम्बुलेंस की गाड़ी खड़ी मिली जिसमें दो एम्बुलेंस को विभाग द्वारा अनुपयोगी साबित किया गया है। 108 सेवा की महज एक एम्बुलेंस सेवा के लिए उपयुक्त पाई गई। एम्बुलेंस कर्मी ने बताया कि यहां की भवन पूरी तरह जर्जर है। सूत्र की मानें तो भाटपार रानी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के लिए पांच एम्बुलेंस सुपुर्द की गई है। जिनमें 102 का तीन व 108 का दो एम्बुलेंस शामिल है। ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि करीब साढ़े तीन दशक पूर्व इस सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का लोकार्पण कृषि मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार सूर्य प्रताप शाही एवं क्षेत्रीय विधायक तथा उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे स्व. कामेश्वर उपाध्याय की मौजूदगी में हुआ था। वहीं इस लोकार्पण के दौरान क्षेत्रीय जनता एवं मरीजों को उम्मीद जगी थी कि इन ग्रामीण क्षेत्रों के सीएचसी में सभी प्रकार के योग्य डॉक्टर मिलेंगे किंतु भाटपार रानी तहसील क्षेत्र के एक भी सीएचसी जनता की उम्मीदों पर खरा नही उतर सकी हैं वर्तमान भारतीय जनता पार्टी के सरकार में। जिनमें इमरजेंसी इलाज नहीं उपलब्ध हैं और नहीं हर प्रकार के विशेषज्ञ डॉक्टर ही मिले हैं। वहीं दिन पर दिन स्थिति और बदहाल होती गईहैं जन प्रतिनिधि जन के द्वारा बीच बीच में स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने को लेकर प्रयास किया गया है किंतु उन्हें भी विफलता ही हाथ लगी है। वहीं परिसर में तीन तीन अराजकतत्व एक बाइक पर सवार होकर पहुच परिसर के भवन में जाकर बैठ गए। सूत्र से ज्ञात हुआ कि यहां शराबी, गजेड़ी जुवारी जन का ठहराव अड्डा बन गया है। जबकि परिसर व भवनों में विषैले कोबरा भी समय समय पर देखे जाते है। नगर से बाहर स्थित सीएचसी पर चिकित्सक रात्रि विश्राम करने एवं सुदूर ग्रामीण जन के इलाज से कतराते रहे है। इमरजेंसी व्यवस्था यहां एवं सीएचसी बनकटा भुंडवार में पूरी तरह से ठप है। गंभीर मरीज को या तो प्राइवेट चिकित्सकों के तरफ रूख करना पड़ता है या फिर दम टूट जाता है टीम प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भाटपार रानी पहुची। जहां ओपीडी में दो चिकित्सक डाक्टर आबिद अली एवं डाक्टर संजय कुमार तैनात पाए गए। ओपीडी पंजिका में 35 मरीज का पंजीयन हुआ पाया गया था। एक दिन पूर्व 176 मरीज देखे गए थें। यहां भी स्वास्थ्य सुविधाएं दम तोड़ रही है। स्वास्थ्य परीक्षण एवं गंभीर दवा के लिए अस्सी फिसदी मरीज को बाहर दवा का हवा खाना पड़ता है। पीएचसी परिसर में लगा पानी का टंकी जर्जर हाल में है। इंडिया मार्का हैंडपंप की स्थिति भी बदहाल है। चिकित्साप्रभारी डाक्टर ईमाम हुसैन सिददकी के आवास पर पहुचने पर उनसे मुलाकात नही हो सकी। एक व्यक्ति द्वारा बताया गया कि घर जाने के लिए रेलवे स्टेशन छोड़ कर आ रहा हूं। मोबाइल फोन पर हुई वार्ता के क्रम में उन्होने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जसुई में एक चिकित्सक डाक्टर संजय कुमार की तैनाती है। इनके अतिरिक्त तीन स्वास्थ कर्मी संजय कुमार फार्मासिस्ट, डेंटल शमशाद आलम, वार्ड व्वाय अरूण चतुर्वेदी की तैनाती है। यहां इमरजेंसी व्यवस्था बंद कर दी गई है।