
मंसूरी समाज की बैठक में उठा पसमांदा मुस्लिम वर्ग की हालत सुधारने की मांग
सलेमपुर,देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)।ऑल इंडिया मंसूरी समाज की बैठक विकास खण्ड के चकरा गोसाई में जिलाध्यक्ष रियाज अहमद मंसूरी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।इस दौरान सम्बोधित करते हुए रियाज अहमद मंसूरी ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तुत किए गए बजट में मुसलमानों व पासमन्दा मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ अन्याय हुआ है। भारत का शिक्षा पर वर्तमान व्यय सकल घरेलू उत्पाद का मात्र 2.9% है, जो वैश्विक मानकों से काफी कम है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप शिक्षा बजट को जीडीपी के 6% तक बढ़ाने की अपील की। उन्होंने शिक्षा के निजीकरण पर रोक लगाने और इसे प्रत्येक नागरिक के लिए सुलभ बनाने की आवश्यकता है।आईआईएम, आईआईटी, एनआईटी और मेडिकल कॉलेजों जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों की फीस में कमी नही किया गया है। अनुसंधान और फेलोशिप अनुदान में पर्याप्त वृद्धि के साथ-साथ पसमांदा तबके के लोगों के लिए योग्यता-आधारित छात्रवृत्ति योजनाओं का विस्तार करने की आज आवश्यकता है।
पसमांदा मुसलमानों के पारंपरिक शिल्प और कौशल के विकास के लिए, जैसे भदोही में कालीन बुनाई, मुरादाबाद में धातुकर्म, अनुसंधान और शिक्षा के लिए समर्पित विश्वविद्यालयों की स्थापना और इन क्षेत्रों में कौशल-आधारित डिप्लोमा व डिग्री पाठ्यक्रम शुरू करने की जरूरत है। बैठक में अमेरिका में भारतीयों के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार की निंदा की गई। बैठक को असरफ अली मंसूरी, शमीम मंसूरी, शहाबुद्दीन मंसूरी, सरफराज मंसूरी, जाकिर मंसूरी, लालू मंसूरी, जफर अली मंसूरी,डॉ शहाबुद्दीन मंसूरी आदि ने सम्बोधित किया।
More Stories
कार की साइड लगने को लेकर कांवड़ियों और ग्रामीणों में झड़प, कार में तोड़फोड़ व मारपीट
ग्राम सकत में युवक ने फांसी लगाकर दी जान, पांच वर्षों में परिवार में सातवीं आत्महत्या से गांव में सनसनी
प्रोफेसर की हरकत से विश्वविद्यालय की छवि धूमिल!