April 19, 2025

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अतिक्रमण हटाने के नाम पर पुलिस की बर्बरता: महिलाओं पर लाठीचार्ज से हड़कंप

चौकी इंचार्ज पर लगे गंभीर आरोप

देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)l रेलवे स्टेशन रोड स्थित मछली मार्केट में नगर पालिका और पुलिस द्वारा अतिक्रमण हटाने के अभियान ने बर्बरता का रूप ले लिया। नगर पालिका के ईओ संजय तिवारी और रेलवे चौकी इंचार्ज संजय सिंह चंदेल के नेतृत्व में पहुंचे पुलिस बल ने स्थानीय महिलाओं और दुकानदारों पर लाठीचार्ज किया, जिससे कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद कई घंटों तक पुलिस फोर्स मौके पर तैनात रही।
नगर पालिका टीम और पुलिस जबरन दुकानदारों को हटाने पहुंची। महिलाओं सहित कई दुकानदारों ने इस कार्रवाई का विरोध किया। इस विरोध के बाद पुलिस ने बर्बर तरीके से लाठियां बरसानी शुरू कर दी। जिसका वीडियो खूब वायरल हुआ उस वीडियो को प्रमाणित तो नहीं किया जा सकता पर महिलाओं और व्यापारियों पर लाठीचार्ज का इस दृश्य को आस पास के लोगों ने देखा वही कैमरे में भी कैद होगया।

सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि इस कार्रवाई में एक भी महिला पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थी। पुलिस द्वारा महिलाओं पर न केवल लाठीचार्ज किया गया, बल्कि महिलाओं ने पुलिस पर आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके प्राइवेट पार्ट्स पर भी हाथ लगाया। इस तरह की शर्मनाक घटना पुलिस के आचरण पर गंभीर सवाल उठाती है। महिलाओं ने यह भी आरोप लगाया कि चौकी इंचार्ज उनके साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार किया। व करते थे इस बात को पूर्व में भी उनके कारनामे एक्स के माध्यम से उच्चाधिकारीयो के संज्ञान में है इनके कारनामे हर जुबान पर चल रही है कारण है भूमाफियाओं से इनके रिश्ते इतने मजबूत है की इन्होंने अपने विभाग की दिनदहाड़े इज्जत उतार दी जिस पुलिस बल को अवैध कब्जा में हस्तक्षेप,लुट, चोरी को रोकने के लिए बनाई गई है वहीं इनके मिलीभगत से करोड़ों की संपति पर कुछ चर्चित भूमाफियाओं के गुर्गे दिनदहाड़े शटर तोड़ कर कब्जा करते हैं, ये जनाब 25 कदम की दूरी पर बैठ कर तमाशा देखते है।यह मामला भी खूब सुर्खियों में है। तथा एक्स पर ट्रेंड कर रहा है। इनकी रसूख इतनी है की उच्चाधिकारी इनसे जवाब सवाल करने से शायद कतराते है उस लिए इनको इतने कारनामे के बाद या इनके द्वारा अपने ही विभाग के खिलाफ आचरण करने के बाद भी अभी तक वहीं बने हुए है नित नए प्रयोग से विभाग को शर्मसार कर रहे है।
पुलिस की इस कार्रवाई से बाजार में दहशत फैल गई। नगर पालिका के कर्मचारी मामले की गंभीरता को देखते हुए मौके से भाग खड़े हुए। घटना के बाद पुलिस प्रशासन के उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया। लेकिन तब तक कई निर्दोष घायल हो चुके थे।
स्थानीय व्यापारियों ने चौकी इंचार्ज संजय सिंह चंदेल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि चौकी इंचार्ज सेहत बनाने के नाम पर अक्सर दुकानदारों से मिट , मछली समेत राशन-पानी की भी मांग करते हैं।घायल महिला ने बताया कि मछली की मुफ्त आपूर्ति न करने पर उन्हें कोतवाली में देख लेने जैसी बातों से धमकाया जाता रहा है।
कुछ दिन पहले ही चौकी इंचार्ज के खिलाफ सोशल मीडिया और फोन के माध्यम से शिकायतें की गई थीं, लेकिन उच्च अधिकारियों ने इसका संज्ञान नहीं लिया।
महिलाओं ने बताया कि पुलिस की इस बर्बरता से वे बेहद भयभीत हैं। पीड़ित महिलाओं ने उच्चाधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है। स्थानीय लोगों में भी इस घटना को लेकर रोष है।
स्थानीय व्यवसायी फैजान अहमद ने बताया कि पुलिस और नगर पालिका के लोग हम लोगों को जबरन हटाने की कोशिश कर थे। उन्होंने कहा, हम रेलवे की जमीन पर व्यवसाय करते हैं जिसका मामला न्यायालय में लंबित है। बावजूद इसके हमें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया।जिसमे कई महिलाएं जख्मी हो गई।
घायल महिला ने बताया कि पुलिस वाले प्राइवेट अंग पर हाथ डाल के मार पीट कर रहे थे।महिला ने रेलवे चौकी इंचार्ज पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यहां के दरोगा हम लोगों को अक्सर धमकाते है,और मछली की मांग करते है।पैसा मांगने पर कोतवाली में देख लेने की धमकी देते है।
महिलाओं पर हुए लाठीचार्ज की घटना से किनारा करते हुए नगर पालिका देवरिया के ईओ संजय तिवारी ने बताया कि उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार स्टेशन रोड मछली हट्टा पर पुलिस बल और अन्य अधिकारियों के साथ अवैध रूप से बिक रहे मीट मछली मांस के दुकानों के विरुद्ध अभियान चलाया जा रहा था। रेलवे के परिसर में कुछ महिलाओं द्वारा बात विवाद की स्थिति उत्पन्न की गई।जो महिलाएं नियम विरुद्ध तरीके से मछली और मीट का कारोबार करती है।उनसे पूछताछ की गई तो बात विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई।वर्तमान में स्थिति सामान्य है।
इस पूरे मामले के बाबत पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने बताया कि ऐसी कोई घटना नही हुई है। अतिक्रमण हटाने के दौरान आरोप प्रत्यारोप लगता रहता है।
लोगो ने तो यहां तक कह दिया की महाकुंभ के घटना की वेदना से सूबे के मुख्यमंत्री इतने दुखी है, पर देवरिया पुलिस उनके दुःख को कम करने के बजाय एक नया दुःख देने के फिराक में थी। यदि समय रहते उच्चाधिकारी मामले के गंभीरता को नहीं लिया तो बड़ी घटना से सरकार को शर्मसार होना पड़ सकता है।

इस घटना ने देवरिया पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बिना महिला पुलिसकर्मियों के महिलाओं पर कार्रवाई करना न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि मानवाधिकारों का भी घोर उल्लंघन है।