खामपार/देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। गत 16 जनवरी गुरुवार को बड़का गांव दुबे तहसील/थाना /विकास खण्ड /भाटपार रानी क्षेत्र में एक ग्राम सभा में पूर्व में कराए गए विकास कार्य एवं वर्तमान समय में हो रहे कथित भ्रष्टाचार के विरुद्ध जांच की मांग बड़का गांव के शैलेश शाह पुत्र बिजली शाह द्वारा लगातार खण्ड विकास अधिकारी कार्यालय भाटपार रानी पर आवेदन दिए जाने के बाद भी सुचारू रूप से कार्यवाही नही होने। एवं इस बीच ही खुद के द्वारा दिए गए आवेदन के क्रम में जांच हेतु बीते 13 दिसंबर 24 शुक्रवार को गांव में ग्राम सचिव/बीडीओ के सहित कुछ अन्य भी अधिकारीगण। द्वारा जांच किए जाने के उपरांत ग्रामीणों के बयान के आधार पर कार्यवाही किए जाने के बजाए एक दिन में जांच की पूरी प्रक्रिया संभव नहीं होने की बात कही जिसके बाद संबंधित पंचायत सेक्रेटरी/बीडीओ ने शैलेश शाह पुत्र बिजली शाह को आश्वासन दिए रहे की अगले छः दिन में आपको जांच की फाइल देखने को मिल जायेगी जो आप खुद ही देख के बता दीजिएगा । इतना कहकर अधिकारी गड़ चले गए ऐसा गांव के सूत्र बता रहे हैं। वहीं इसके बाद जब करीब छः बीतने के बाद भी कोई फाइल जांच अथवा फाइल की जानकारी नहीं दी गई। तब मांग किए जाने पर फिर करीब 28 दिसंबर024 को जिस फाइल को दिया गया आधा अधूरा जानकारी ही दिया गया ऐसा आरोप लगाते हुए इसके तत्काल बाद पुनः पूरी फाइल शैलेश शाह ने जब मांगी की तो फिर अगले दिन ही देने की बात कही गई इसके बाद आरोप है कि जब वो अगले दिन पहुंचे तो फिर दो दिन बाद फाइल देने की बात की गई थी। आरोप है कि ऐसे ही करते करते अभी तक शिकायत करता को पूरे कार्य की सूची को नही दिया गया है। वावजूद इतने के इस शिकायत के उपरांत भी हो रहे गलत निर्माण होने लगा जो शिकायत करता के अनुसार अपने खण्ड विकास अधिकारी के कथन अनुसार आवेदन करता द्वारा मौके पर कराए जा रहे भ्रष्टाचार पूर्ण निर्माण को जांच होने तक रोक दिए जाने का आग्रह किया जाने लगा। जिसको ग्राम प्रधान द्वारा नही मानते हुए । ग्राम प्रधान बड़का गांव द्वारा गांव में काम करने की बात कही गई । इस बीच तू तू मे मे , होने पर जॉच की मांग एवं शिकायत करता को ग्राम प्रधान के घर एवं समर्थक जनों ने बेरहमी से पीट कर जख्मी हालत कर दिया।इस बीच ही उप जिलाधिकारी के भाटपार रानी रत्नेश त्रिपाठी के संज्ञान में मामला आने पर परिवार को समुचित इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज देवरिया भेजा गया । आरोप है कि आवेदक के परिवार को वहां भी अच्छी इलाज नहीं मिल पाई है।जिसके बाद तत्काल गोरखपुर रेफर कर दिया गया । और 2 दिन तक आवेदक कर्ता,उनकी पत्नी,उनकी 10 वर्षीय मासूम , का इलाज चलने के बाद उनकी हालत में सुधार हो सकी है। संबंधित अधिकारी जन से उक्त प्रकरण के संदर्भ जानकारी हेतु दूरभाष पर वार्ता हुई जो पूर्व में तैनात रहे खण्ड विकास अधिकारी के कार्य काल की बात होने से इस प्रकरण में अनभिज्ञ होने के कारण उनसे समुचित जानकारी कीए जाने की बात कही गई है। वहीं जांच एवं कार्यवाही की मांग परिवार द्वारा की गई है।
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