उतरौला/बलरामपुर (राष्ट्र की परम्परा) उतरौला तहसील क्षेत्र में बाढ़ से जूझ रहे लोगों को राहत देने की कवायद तेज हो गई है।जल स्तर कम होने के साथ नुकसान का सर्वे शुरू हो गया है तहसील के लगभग 152 गांव बाढ़ से प्रभावित की स्थिति शुरू से ही बनी रही।करीब 124 गांव बाढ़ से घिरे हुए हैं। और लगभग दो लाख की आबादी प्रभावित रही।इसमें कई मकान व कच्चे घरों का भी नुकसान हुआ है।साथ ही फसलों का भी नुकसान हुआ है।प्रशासन ने योजना बनाई है कि सर्वे के बाद जिनके घर बहे होंगे,उनको मुख्यमंत्री आवास योजना में पात्रता की जांच के बाद शामिल किया जाएगा।तहसील से राहत सहायता भी मिलेगी,बाढ़ से प्रभावित लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए भी अभियान चलाया जाएगा।
बीते दिनों आई बाढ़ से तहसील क्षेत्र में बड़े स्तर पर तबाही हुई है अभी भी गांवों में जलभराव ही है,लेकिन नदियों का जल स्तर घटने से संकट टला है।अब प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों को राहत देने के लिए पहल की है।योजना बनी है कि जलभराव खत्म होने के बाद पंचायतों के माध्यम से लोगों को मनरेगा योजना से रोजगार देने की पहल होगी।इसके लिए कार्य चिन्हित होंगे और उन्हें गांव में रोजगार दिया जाएगा।इसके अलावा मुख्यमंत्री आवास योजना में बाढ़ प्रभावितों को शामिल करने के लिए तहसील के एसडीएम विकास विभाग को रिपोर्ट भेजेंगे।बताया जा रहा है कि शासन की ओर से बाढ़ प्रभावितों को हर संभव सहायता दिए जाने के निर्देश दिए हैं।इसके तहत बाढ़ क्षेत्र में सर्वे की कवायद शुरू हो गई है। उपजिलाधिकारी संतोष कुमार ओझा ने बताया कि बाढ़ प्रभावितों को तय योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा,इसके लिए विभागों को निर्देश दिया गया है जलस्तर कम होने के साथ ही सर्वे हो रहा है राहत किट आदि का वितरण किया जा रहा है।
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