बलिया (राष्ट्र की परम्परा)। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के भोजपुरी भवन मे कुलपति प्रोफेसर संजीत कुमार गुप्ता के संरक्षण व कुलसचिव एसo एलo पाल के सानिध्य मे और राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ लाल विजय सिंह के नेतृत्व मे वीर बालक दिवस पर गोष्ठी का आयोजन किया गया कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ छबिलाल ने कहा कि समाज के प्रति जागरूकता और देशभक्ति की भावना को प्रकट किया गया,और वीर बाल दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला और युवाओं को प्रेरणादायक संदेश देते हुए कहा कि वीर बाल दिवस हर वर्ष 26 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन सिख धर्म के महान बलिदानों की याद में मनाया जाता है, विशेष रूप से गुरु गोबिंद सिंह जी के चार पुत्रों के बलिदान को समर्पित है। उनके चार साहिबजादों ने धर्म और मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। गुरु गोबिंद सिंह के दो छोटे पुत्र, साहिबजादा जोरावर सिंह (9 वर्ष) और साहिबजादा फतेह सिंह (6 वर्ष), को मुगलों ने जीवित दीवार में चुनवा दिया था क्योंकि उन्होंने इस्लाम धर्म स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। उनके बलिदान ने सिख धर्म और मानवता के इतिहास में साहस और निष्ठा की अमिट छाप छोड़ी। गुरु गोबिंद सिंह जी के दो बड़े पुत्र, साहिबजादा अजीत सिंह (18 वर्ष) और साहिबजादा जुझार सिंह (14 वर्ष), ने चमकौर की लड़ाई में वीरता से युद्ध करते हुए अपने प्राण त्याग दिए। वीर बाल दिवस कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य नई पीढ़ी को साहिबजादों के अदम्य साहस, बलिदान और धर्मनिष्ठा से प्रेरणा देना है। यह दिन हमें धर्म, सत्य और न्याय के लिए समर्पण की शिक्षा देता है। वीर बाल दिवस केवल एक स्मृति दिवस नहीं है, बल्कि यह हमारे बच्चों और युवाओं को अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक बनाने और साहस एवं सच्चाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देने का अवसर है।इस अवसर पर डॉ दिलीप मद्धेशिया, डॉ संगीता मद्धेशिया, डॉ विनीत शाही, मि.कुलदीप कुमार,मि. हर्ष त्रिपाठी, शशि प्रकाश, पंकज कुमार गौतम आदि प्राध्यापकगण और छात्र उपस्थित रहे।
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