वाराणासी(राष्ट्र की परम्परा)
अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, रेलवे बोर्ड सतीश कुमार ने महाप्रबंधक,पूर्वोत्तर रेलवे सौम्या माथुर के साथ प्रयागराज महाकुम्भ-2025 में आनेवाले श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु, झूँसी-प्रयागराज रामबाग के मध्य गंगा नदी पर निर्माणाधीन महत्वपूर्ण पुल का ट्राली निरीक्षण तथा प्रयागराज रामबाग व झूँसी स्टेशनों पर मेला यात्रियों की सुविधा हेतु विकास कार्यों का निरीक्षण किया। इस अवसर पर ई डी /रेलवे बोर्ड संजीव कुमार,मुख्य प्रशासनिक अधिकारी निर्माण अभय कुमार गुप्ता,मंडल रेल प्रबंधक /वाराणसी विनीत कुमार श्रीवास्तव, प्रबंध निदेशक (RVNL) प्रदीप गौड़ समेत मुख्यालय एवं मण्डल के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी,रेलवे बोर्ड ने प्रयागराज संगम में लगने वाले आगामी महाकुम्भ मेला-2025 में आनेवाले श्रद्धालुओं की सुगमता एवं समुचित यात्री सुविधा प्रदान करने हेतु झूँसी एवं प्रयागराज रामबाग स्टेशनों का गहन निरीक्षण किया तथा कुम्भ मेले की तैयारियों के परिप्रेक्ष्य में, स्टेशनों पर चल रहे यात्री सुविधा विस्तार कार्यों की समीक्षा की और कार्य प्रगति पर संतोष व्यक्त किया । उन्होंने शेष विकास कार्यों को गुणवत्ता के साथ उचित मानकों के आधार पर तय समयसीमा में सम्पन्न करने का निर्देश दिया ।
उन्होंने प्रयागराज रामबाग एवं झूँसी समेत मेला क्षेत्र में पड़ने वाले सभी स्टेशनों और उनके रेलपथ की संरक्षा,गति एवं परिचालनिक व्यवस्थाओं तथा यात्रियों की सुरक्षा, संरक्षा एवं सुविधाओं का आंकलन किया।
इसी क्रम में अध्यक्ष रेलवे बोर्ड ने प्रयागराज रामबाग स्टेशन का भी गहन निरीक्षण किया और कुम्भ मेला के दौरान मेला यात्रियों की सुविधा के लिए नवनिर्मित यात्री आरक्षण केन्द्र,अनारक्षित टिकट काउंटर,अस्थाई फ़ूड एवं वाटर वेंडिंग स्टॉलों, प्रतीक्षालयों,अतिरिक्त प्रवेश और निकास मार्ग,स्थाई एवं अस्थाई प्लेटफार्मों, यात्री शेड, आर सी सी बेंचेस, फुट ओवर ब्रिज, अस्थाई प्रतीक्षालयों, सी सी टी वी सर्विलांस, बाउंड्री वाल एवं भीड़ के समुचित प्रबंधन हेतु नियंत्रण कक्ष तथा यात्री सुविधा विकास कार्यों का गहन निरीक्षण किया और सभी कार्यों के समय से सम्पन्न होने पर प्रसन्नता व्यक्त की ।
निरीक्षण के क्रम में चेयरमैन रेलवे बोर्ड ने झूँसी-प्रयागराज रामबाग के मध्य गंगा नदी पर दोहरीकरण के अंर्तगत बन रहे महत्वपूर्ण रेल ब्रिज सं 111 पर मोटर ट्राली से निरीक्षण कर वरिष्ठ अधिकारियों एवं रेल विकास निगम लिमिटेड के इंजीनियरों के साथ कार्य की समीक्षा की। इस महत्वपूर्ण पुल में 76.2 मीटर स्पान के 24 गर्डर हैं तथा इसकी लंबाई लगभग 2 किमी है।ब्रिज निर्माण का कार्य पूर्ण हो गया है,दोनों सिरों पर डक्ट के माध्यम से गर्डर लॉन्चिंग का काम पूरा हो गया। झूँसी-प्रयागराज रेल खंड में शतप्रतिशत फार्मेशन वर्क पूरा हो गया।
इस क्रम में उन्होंने झूँसी स्टेशन पर नव निर्मित सेकण्ड एन्ट्री के सर्कुलेटिंग एरिया में निर्मित यात्री प्रतीक्षालय,बाउन्ड्री वाल,हाई मास्ट लाइट, अस्थाई शौचालय, रात्रि के आने -जाने के लिये अप्रोच सड़क का गहनता से निरीक्षण किया । इसके पश्चात उन्होंने स्टेशन भवन, फुटओवर ब्रिज, प्लेटफॉर्म पर किये जाने वाले निर्माण कार्य सहित सभी कार्यों की पूर्णता को परखा। इसके अतिरिक्त उन्होंने कुम्भ मेला के दौरान यात्रियों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं सहित इनकी वैकल्पिक व्यवस्थाओं तथा इनको स्थापित किये जाने वाले चिन्हित स्थलों की जानकारी प्राप्त की।
ज्ञातव्य हो की बनारस से झूँसी तक कुल 113.59 किमी का दोहरीकरण विद्युतीकृत लाइनों के साथ पूरा किया जा चुका है शेष प्रयागराज रामबाग से झूंसी में (7.36 किमी) पूर्ण होने के उपरांत 11 दिसम्बर,2024 को महत्वपूर्ण ब्रिज के साथ सी आर एस निरीक्षण के बाद ओपनिंग किया जाना है जिसके उपरान्त यह पूरा रेल खण्ड दोहरीकृत हो जायेगा । जिससे इस रेल खण्ड पर लाइन क्षमता बढ़ेगी जिससे अधिक यात्री गाड़ियों का तेज गति से परिचालन सम्भव होगा और यात्रा समय में कमी आएगा।
प्रयागराज रामबाग-वाराणसी रेल खंड का दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण का लाभ
प्रतिवर्ष प्रयागराज संगम पर लगने वाले माघ मेला तथा अर्ध कुम्भ व महाकुम्भ स्नान पर्व में बहुत बड़ी संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। यह तीर्थयात्री संगम स्नान के पश्चात भारत के प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर में भी दर्शन करने हेतु अवश्य आते हैं।
बनारस-प्रयागराज रेल खंड पर बढ़ते हुये यातायात को देखते हुये रेल मंत्रालय द्वारा बनारस प्रयागराज खंड के दोहरीकरण को स्वीकृति प्रदान की थी । इस दोहरीकरण परियोजना के बनारस-झूसी (120.96 किमी.) का विद्युतीकरण सहित दोहरीकरण का कार्य रू 1600 करोड़ की लागत से पूर्ण किया गया है। यह विद्युतीकरण के साथ दोहरीकृत रेल लाइन वाराणसी, मिर्जापुर, संत रविदास नगर एवं प्रयागराज जनपद में स्थित है। इस परियोजना को 07 चरणों में पूर्ण किया गया। इस परियोजना के पूरा होने से लाइन क्षमता में बढ़ोत्तरी होने से जन आकांक्षाओं के अनुरूप अतिरिक्त ट्रेनों का संचलन सम्भव होगा । प्रयागराज-नैनी-पं० दीन दयाल उपाध्याय जं. रेल मार्ग पर दबाव कम होगा । कुम्भ मेला-2025 के दौरान पहले की अपेक्षा अधिक मेला स्पेशल गाड़ियों को तेज गति से संचालन आसान होगा जिससे मेला यात्रियों के अवागमन में बहुत सुविधा होगी । विद्युतीकरण सहित इस दोहरी लाइन का निर्माण होने से पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिला है क्षेत्र में आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियाँ बढ़ी हैं तथा क्षेत्र तेजी से विकास की ओर अग्रसर हुआ है।
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