निजीकरण से सभी विद्युत कर्मियों के सेवा शर्तों पर प्रतिकूल असर पड़ना निश्चित
देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन (उत्तर प्रदेश) के केन्द्रीय अध्यक्ष ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि संगठन ऊर्जा क्षेत्र में किसी भी प्रकार के निजीकरण को स्वीकार नहीं करता एवं निजीकरण की बजाय कॉरपोरेशन में सुधार के कार्यक्रम लागू किए जाने चाहिए । संगठन का स्पष्ट मत है कि विभाग के अंदर सुधार कार्यक्रमों के द्वारा स्थितियां बदली जा सकती हैं। कॉरपोरेशन में केस्को का प्रदर्शन इसका जीता जागता उदाहरण है, जहां ऊर्जा प्रबंधन एवं विद्युत कर्मियों के संयुक्त प्रयास से विद्युत वितरण व्यवस्था वित्तीय रूप से एवं बेहतर उपभोक्ता सेवा सुनिश्चित करने में सक्षम बनी । इसके अतिरिक्त देश के कई सार्वजनिक उद्यम जैसे एनटीपीसी, एनएचपीसी, बीएचईएल आदि द्वारा अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर मिसाल कायम की गई है। इनका अध्ययन कर कॉरपोरेशन की कार्य प्रणाली में सकारात्मक बदलाव किए जाने चाहिए। संगठन का मानना है कि विभाग में नई तकनीकों का अधिकतम प्रयोग करके कार्य दक्षता/ पारदर्शिता को बढ़ाया जाए साथ ही हर स्तर पर कार्य की ज़िम्मेदारी/ जवाबदेही भी तय होनी चाहिए । संगठन ऊर्जा क्षेत्र की बेहतरी, उत्कृष्ट उपभोक्ता सेवा एवं सस्टेनेबल वित्तीय स्थिति के लिए विभाग में चलाए जा रहे सुधार कार्यक्रमो में पूर्ण सहयोग के लिए संकल्पित है। परंतु रिफॉर्म के नाम पर निजीकरण की कार्यवाही न तो जूनियर इंजीनियर और न ही विद्युत उपभोक्ताओं/आम जनमानस के हित में है, किसी भी स्थिती में इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रस्तावित निजीकरण के संबंध संगठन के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा जो भी निर्णय लिया जाएगा उसका संगठन की जनपद शाखा देवरिया के सभी सदस्य जूनियर इंजीनियर/प्रोन्नत अभियंताओं द्वारा अक्षरशः पालन सुनिश्चित किया जायेगा।
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