July 4, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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विधि के विद्यार्थियों में असीम सम्भावनाएं- प्रो. पूनम टंडन

गोरखपुर विश्विद्यालय का विधि संकाय अपने आप में सृजनात्मकता का प्रतीक है- प्रो पूनम टंडन

गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। ” विधि के विद्यार्थियों ने आज जो मूट कोर्ट का मंचन किया है, वह एकदम जीवंत था। पूरे मंचन के दौरान यह नहीं आभास हुआ कि ये एक आभासी न्यायालय का दृश्य है। दोनों पक्षों के अधिवक्ता-गण, गवाह और न्यायाधीश के अभिनय में बच्चों ने सजीव कर दिया। विधि संकाय के विद्यार्थियों में असीम सम्भावनायें हैं। जरूरत है मात्र इनको दिशा देने की। जिसमें विधि संकाय के शिक्षक समर्थ हैं। ” उक्त बातें दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्विद्यालय की मुखिया कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने संविधान दिवस समरोह के प्रथम दिवस में आयोजित मूट कोर्ट मंचन का मंचन देखने के बाद कही। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में मैं विधि संकाय के शिक्षकों से कहना चाहूँगी कि वे इन बच्चों को लेकर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के स्तर पर प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करें और अपना, अपने विश्विद्यालय और क्षेत्र का नाम रौशन करें। गोरखपुर विश्वविद्यालय के विधि संकाय के आयोजन में आकर बहुत अच्छा लगता है। क्योंकि यहां के छात्रों का उत्साह काफी उच्च स्तर का होता है। उन्होंने ने कहा कि आप सभी लोग इस संकाय के समृद्ध परंपरा के वाहक हैं।” इसके पूर्व कुलपति ने विभिन्न प्रतियोगिताओं का अवलोकन किया। उन्होंने दीक्षा भवन परिसर में आयोजित रंगोली एवं पोस्टर प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया। समारोह में कुलपति का स्वागत बीएएल-एलबी की छात्रा चितवन मिश्र एवं धन्यवाद ज्ञापन बीएएल-एलबी की छात्रा रितिका तिवारी ने किया। कार्यक्रम का सफल संचालन बीएएल-एलबी के सहायक आचार्य डॉ. अंसार आलम एवं डॉ. मेनका ने किया।
मूट कोर्ट के सूत्रधार की भूमिका बीएएल-एलबी की छात्राएँ ऐश्वर्य त्रिपाठी एवं ईशान्शी ने किया। समारोह के वृहद आयोजन का परिचय विधि संकाय के अध्यक्ष एवं अधिष्ठाता प्रो. अहमद नसीम ने किया एवं संयोजक प्रो. जितेंद्र मिश्र ने सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए संविधान दिवस के महत्ता पर प्रकाश डाला। प्रो. मिश्र ने बताया कि आज अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस है। उन्होंने संविधानिक दर्शन को भी बच्चों के समक्ष रखा। कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा विधि संकाय के अधिष्ठाता प्रो. अहमद नसीम ने कुलपति के समक्ष रखा, उन्होंने बताया कि इस आयोजन में विश्विद्यालय के विभिन्न विभागों एवं विश्विद्यालय से सम्बध्द कई महाविद्यालय से प्रतिभागी आए हैं और उन्होंने भाषण, रंगोली एवं पोस्टर प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग किया है। उन्होंने बताया कि प्रतियोगिताओं के विजयी प्रतिभागियों को 26 नवंबर को सर्टिफिकेट एवं मेडल प्रदान किया जाएगा।
प्रो. नसीम ने कहा कि 26 नवम्बर 2024 को मूट कोर्ट के सभी प्रतिभागियों एवं दीक्षान्त सप्ताह के दौरान बीएएल-एलबी के विद्यार्थियों द्वारा आयोजित युवा संसद के प्रतिभागियों को भी सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा। प्रो. नसीम ने बताया कि संविधान दिवस के दिन प्रातः विश्विद्यालय अवस्थित क्रीड़ा परिषद के अंतर्गत स्टेडियम में विश्विद्यालय के समस्त शिक्षक, कर्मचारी एवं विद्यार्थियों को कुलपति प्रो. पूनम टंडन द्वारा संविधान के प्रस्तावना की शपथ दिलाई जाएगी एवं तदुपरांत विधि संकाय के विद्यार्थियों द्वारा प्रभात फेरी निकाली जाएगी जो दीक्षा भवन में जाएगी और वहाँ पर विगत वर्षों की तरह आयोजित आचार्य पीआर त्रिपाठी स्मृति व्याख्यान का आयोजन होगा। जिसके मुख्य अतिथि काशी हिन्दू विश्विद्यालय के आचार्य प्रो. रजनीश पटेल होंगे एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. पूनम टंडन जी करेंगी। कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रतिकुलपति प्रो शांतनु रस्तोगी, प्रो ऊषा सिंह, प्रो. अजय शुक्ल, प्रो. विमलेश मिश्र, प्रो. शरद मिश्र, डॉ. विस्मिता पालीवाल, डॉ. मनीष पांडेय, डॉ. प्रभुनाथ प्रसाद, डॉ. रंजन लता एवं विधि संकाय के सभी शिक्षक कर्मचारी , शोधार्थीगण, विश्विद्यालय के शिक्षक उपस्थित हुए। इसी क्रम में तीन दिवसीय कार्यक्रम का शुभारम्भ संवाद भवन में आयोजित भाषण प्रतियोगिता से हुआ। जिसकी अध्यक्षता करते हुए विश्विद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. शांतनु रस्तोगी ने प्रतिभागियों एवं इस वृहद आयोजन के लिए विधि संकाय के अध्यक्ष एवं अधिष्ठाता प्रो. अहमद नसीम एवं समारोह के संयोजक प्रो. जितेंद्र मिश्र एवं संकाय के सभी शिक्षकों को बधाई दी। प्रति कुलपति ने भाषण प्रतियोगिता के शीर्षक ” सांविधानिक लोकतंत्र में नागरिक अधिकारों का महत्व ” का ज़िक्र करते हुए कहा कि हमारा लोकतंत्र विश्व का सबसे बड़ा संवैधानिक लोकतंत्र है और संविधान हमारी देश की आधारशिला है। भाषण प्रतियोगिता में न्यायाधीश के रूप में अंग्रेज़ी विभाग के अध्यक्ष प्रो. अजय शुक्ल , हिन्दी विभाग के प्रो. विमलेश मिश्र एवं डॉ. अमित उपाध्याय रहे। भाषण प्रतियोगिता का संयोजन विधि संकाय के डॉ. टी एन मिश्र, डॉ. शैलेश सिंह एवं डॉ. आशीष शुक्ल ने किया। पोस्टर एवं रंगोली प्रतियोगिता का संयोजन प्रो ऊषा सिंह एवं विधि संकाय के डॉ ओम प्रकाश सिंह एवं डॉ सुमन लता चौधरी जी ने किया।