सप्त दिवसीय संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा का चौथा दिन
राम ने अपने आचरण से हर किसी के लिए दिया एक उदाहरण
कुशीनगर (राष्ट्र की परम्परा)। दुदही विकास खंड के ग्राम पंचायत दुमही के राजस्व गांव बंगरा रामबक्स राय में शारदीय नवरात्र के अवसर पर आयोजित सप्त दिवसीय संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस रविवार की सायं, श्रीधाम वृंदावन व बागेश्वर धाम के सेवक आचार्य पं. रोहित रिछारिया ने भक्त प्रह्लाद, वामनावतार, राम व कृष्ण चरित्र का वर्णन कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। झांकी सहित कृष्ण जन्मोत्सव पर श्रद्धालु नृत्य कर उठे। राम चरित्र का वर्णन करते हुए कथावाचक ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने अपना पूरा जीवन एक मर्यादा में रहकर व्यतीत किया। उन्होंने कहा कि राम ने अपने आचरण से हर किसी के लिए एक उदाहरण स्थापित किया। प्रभु श्री राम एक आदर्श मनुष्य,पुत्र,भाई और पति होने के साथ-साथ एक आदर्श कुशल शासक भी थे। उनके शासन काल में व्याप्त सुव्यवस्था के कारण ही आज भी रामराज्य का उदाहरण दिया जाता है। कथावाचक ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का चरित्र अत्यंत ही विलक्षण व कर्मयोगी रहा है। उन्होंने बालपन से लेकर जीवन पर्यंत अपनी लीलाओं से संसार को पार उतारा है। प्रभु की बाल लीलाओं में भी संसार के लिए संदेश दिए गए हैं। बालपन में अनेकों दैत्यो का वध करने में भी लीला रही और संसार से बुरी आत्माओं को चुनकर परलोक भेज देना भी उन्हीं की लीला रही। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर श्रद्धालुओं ने फूल बरसाया व जमकर नाचे। गायक राहुल परिहार, तबला वादक इंदल शर्मा व बैंजो पर अजयदास ने संगत की। आचार्य पं. अजीत शास्त्री के नेतृत्व में पुरोहितगण पं. अनिल कौशिक व शिवसेवक दास ने मूल परायण पाठ किया। इस दौरान आयोजक शत्रुघ्न उर्फ डिंपल शुक्ल, पं. रामअवध शुक्ल, रामकिशोर शुक्ल, सत्येंद्र उर्फ गुड्डू शुक्ल, कृष्णा शुक्ल, वीरेंद्र शुक्ल, नन्हे शुक्ल, नगीना कुशवाहा, अनवर अंसारी, सुनील कुमार, रोहित कुमार, शोभित, त्रिपुरारी, छेदी प्रसाद , पारसनाथ शुक्ल, दूधनाथ शुक्ल, श्रीराम शुक्ल आदि श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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