December 22, 2024

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

सरकारी हॉस्पिटल के डॉक्टर हॉस्पिटल की जांच को नहीं करते मान्य

डॉक्टर कराते है बाहर से जांच लिखते है बाहर की दवाएं

सलेमपुर/देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र में केंद्र की जॉच नही होती है मान्य बाहर से जांच करा कर मरीज जब डॉक्टर के पास पहुंचता है तभी होता है मान्य ।मामला सलेमपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है यहां एक मरीज हर्षित सर दर्द और बुखार से पीड़ित थे और इलाज कराने के लिए सलेमपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे इन्होने पर्चा लिया और पहुंच गए डॉक्टर अरुण कुमार से चिकित्सकीय परामर्श लेने डॉक्टर ने मरीज देखा और कुछ खून के जांच लिख दिए और एक पर्ची थमा दिया और कहा की यहां से जॉच करा कर आए मरीज द्वारा यह कहा गया की हॉस्पिटल में जांच होती है डॉक्टर का जवाब वह मान्य नही है । यह मामला सलेमपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के एक डॉक्टर का नही है यह के लगभग सभी सरकारी डॉक्टरों द्वारा बाहर से जांच और बाहर से दवाएं लिखी जाती है यह रोज की घटना है । जो की उत्तर प्रदेश सरकार के दिशा निर्देश को मुंह चिढ़ाने का काम कर रहा है । सरकारी हॉस्पिटलों में ये खेल लंबे समय से चल रहा है जब की सरकार की व्यवस्था के अनुरूप यदि किसी जॉच की व्यस्थ सरकारी हॉस्पिटल में न हो तो चिकित्सा विभाग द्वारा प्रमाणित जांच सेंटर पर ही जांच होनी चाहिए लेकिन जमीनी हकीकत इससे अलग है जहां मोटा कमीशन मिलता है वही डॉक्टरों द्वारा जांच के लिए मरीजों को भेजा जाता है । यदि मरीज ने कही और से जॉच करा लिया तो उसको डॉक्टरों अमान्य कर किसी न किसी बहाने से दुबारा जांच के लिए भेज देते है ।वही सरकारी हॉस्पिटलों में उपलब्ध दवाओं से मरीज ठीक नही होता सरकारी हॉस्पिटल में हर मरीज को एक पर्चा अलग से पकड़ा दिया जाता है जिसपर बाहर से दवाएं लिखी जाती है । जिससे सरकारी हॉस्पिटलों के आस पास चल रहे मेडिकल स्टोर का धंधा फल फूल रहा है । सरकारी डॉक्टर की इन कृत्य से सरकारी डॉक्टरों का भी जेब भर रहा है तो वही अवैध रूप से भी संचालित जांच घर भी इन्ही के प्रश्रय में फल फूल रहे है ।इस संदर्भ में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सलेमपुर के अधीक्षक अतुल कुमार से जब बात किया गया तो उन्होंने बताया की स्पष्टीकरण के लिए नोटिस दिया गया है ।