
देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। मंगलवार को उच्च न्यायालय के बाल संरक्षण देखरेख समिति के निर्देशानुसार व जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवेन्द्र सिंह के मार्गदर्शन में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश /सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवरिया मनोज कुमार तिवारी, द्वारा राजकीय बाल गृह का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान सचिव द्वारा निर्देशित किया गया कि उच्च न्यायालय के द्वारा बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने हेतु दिये गये निर्देशों का अक्षरसः पालन हो, उन्होने राजकीय बाल गृह के प्रभारी अध्यक्ष को निर्देशित करते हुये कहा कि बच्चों के अन्दर नैतिक मुल्यों का विकास कर, बच्चों के अन्दर नई उर्जा एवं संचार हेतु कार्यक्रम का आयोजन तथा निबन्ध, योग, संगीत, चित्रकला इत्यादि, प्रतियोगिता का आयोजन कर बच्चों को प्रोत्साहित करें। उन्होने बच्चों के साथ शतरंज खेला। शतरंज खेलने से याददाश्त, योजना बनाने और समस्या-समाधान जैसे संज्ञानात्मक कौशल में सुधार होता है। यह मस्तिष्क की कुछ स्थितियों के लक्षणों को कम करने में भी मदद कर करता है। उन्होने राजकीय बाल गृह के प्रपत्रों का अवलोकन करने के उपरान्त उसे व्यवस्थित करने हेतु प्रभारी अधीक्षक को निर्देशित किया। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवरिया मनोज कुमार तिवारी, ने कहा कि परिसर को निरंतर स्वच्छ रखा जाये तथा बच्चों के खेलने की समुचित व्यवस्था की जायें जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके। इसके साथ ही बच्चों के दिनचर्या में व्यायाम को भी रखा जाये जिससे बच्चे शारीरिक रूप से मजबूत रहें। उन्होने पठन-पाठन के कार्य को और सुदृढ़ करने का सम्बन्धित को निर्देश दिया।
इस निरीक्षण में मुख्य रूप से राजकीय बाल गृह देवरिया के प्रभारी अधीक्षक रामकृपाल व अन्य कर्मचारीगण उपस्थित रहें।
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