
भाटपार रानी/देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। भाटपार रानी तहसील क्षेत्र के तमाम गांवों में सोमवार को इस्लाम के आखिरी पैगम्बर मुहम्मद की जन्म दिवस ईद मिलादुन्नबी मनाई गई जिसमें इस अवसर तहसील क्षेत्र के अलग अलग जगहों पर तमाम जुलूस-ए-मुहम्मदी निकाली गई।इस दौरान नारा–ए तकबीर-अल्लाहो अकबर, नारे रिसालत-या रसूलुल्लाह, की आमद-मरहबा के नारों से समूचा क्षेत्र गूंज उठा। जिसमें भाटपार रानी नगर क्षेत्र, भिंगारी , नेतुआबिर, बंगरा बजार, बखरी, चनुकी के अलावे जगह जगह रामपुर बुजुर्ग, प्रतापपुर, सोहनपुर, इंगुरी सराय, दास नरहियां, सिकटिया, जमनटोला, भवानी छापर बाजार, भोपतपुरा, खेमीपुर, पिपरा बघेल, बंगरा बाजार, बड़हरिया,रहीमपुर, कड़सरवा खुर्द,करजनिया, परोहां,भटवलिया, कैथवली, परसिया बुजुर्ग आदि गांवों से शानदार जुलूस निकाली गई।वहीं क्षेत्र के रामपुर बुजुर्ग चौराहा पर आयोजित जलसा-ए-ईद मिलादुन्नबी कार्यक्रम को हाफिज शमीम निजामी,हाफिज नूर आलम,हाजी रफीक अहमद खान, तौफीक खान, शायर मक़सूद अहमद भोपतपुरी आदि ने सम्बोधित किया।उलेमाओं व वक्ताओं ने कहा कि पैगम्बर मुहम्मद ने पूरी दुनिया से नफरत को खत्म कर मुहब्बत का पैगाम दिया।यदि नबी के बताए राह पर चला जाए तो हमारे समाज को खुशनुमा बनाया जा सकता है।यहां मुख्य रूप से ग्राम प्रधान नूर आलम खान,शमशुद्दीन खान अख्तर हुसैन,,बाबू आलम खान, इस्लाम अंसारी,मुमताज़ हाशमी, सलाउद्दीन,मु० सगीर, अख्तर हुसैन, इस्लाम,,सिराजुद्दीन, हाफिज नूरालाम,आशिफ, नौशाद, चुन्नू,नूर आलम आदि मौजूद रहे।
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