November 21, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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एनएसएस स्वयं सेवकों को खाद्य सुरक्षा के प्रति किया गया जागरूक

गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। दिग्विजय नाथ पीजी कॉलेज के महंत अवैद्यनाथ स्मृति सभागार में राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में एक दिवसीय “खाद्य सुरक्षा जागरूकता” कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन पूज्य संत गम्भीरनाथ, ब्रह्मलीन महंत अवैधनाथ, वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप व ज्ञान-विज्ञान की देवी मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पण और सरस्वती वंदना व स्वागत गीत साम्भवी व श्वेता ने प्रस्तुत किया। कार्यशाला की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर ओम प्रकाश सिंह व मुख्य अतिथि डॉक्टर संजय सिंह, प्राकृतिक एवं आयुर्वेद चिकित्सक माता प्रसाद खेमका एक्यूप्रेशर कॉलेज प्रयागराज रहे। मुख्य अतिथि डॉक्टर संजय सिंह ने अपने संबोधन मे विस्तार से खाद्य सुरक्षा पर बताया। डॉक्टर सिंह ने कहा कि खाद्य सुरक्षा वर्तमान में सभी नागरिकों का मौलिक अधिकार है। इसलिए इस अधिकार से किसी भी नागरिक को वंचित नही किया जा सकता। इसी खाद्य सुरक्षा के तहत केन्द्र सरकार वर्तमान में देश के 80 करोड़ नागरिकों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध करा रही है। जिससे सभी नागरिकों को खाद्य सुरक्षा मिल रहीं है। खाद्य संरक्षण के तहत सरकार सभी जिलों में भरतीय खाद्य निगम के द्वारा खाद्यानो का संरक्षण एवं सम्वर्धन का कार्य कर रही है। जिससे खाद्यान्न की उपलब्धता बनी रहे और सभी को पौष्टिक व सन्तुलित आहार मिलता रहे। कार्यशाला में अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य डा. ओम प्रकाश सिंह ने खाद्य सुरक्षा पर अपने विचार को साझा करते बताया कि खाद्य सुरक्षा हमारी प्राचीन चिंता है। हमारे धर्मग्रंथों में कहा गया है कि “भूखे भजन न होय गोपाला” अर्थात बिना सन्तुलित आहार के कोई भी कार्य सही ढंग से संपादित नही हो सकता है। इसलिए खाद्यान्न की सही मात्रा, सही समय पर सभी व्यक्ति तक पहुंच ही खाद्य सुरक्षा का मुख्य ध्येय है। इसलिए सभी को इसका ध्यान रखने की आवश्कता है। वर्तमान में खाद्य सुरक्षा के अंतर्गत जैविक कृषि को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। जिससे मानव स्वस्थ्य में सुधार किया जा सके। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर पीयूष सिंह व धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर निधि राय ने किया। इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी प्रदीप यादव यादव व सहायक आचार्य जितेन्द्र कुमार पांडेय व चारो इकाई के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहीं व तकनीकी सहयोग अश्वनी श्रीवास्तव ने किया।