Thursday, October 30, 2025
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बाल श्रम कानून की हो रही अनदेखी

होटलों और दुकानों में धड़ल्ले से बाल श्रमिक कर रहे है काम

सलेमपुर/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा) सलेमपुर नगर और नवलपुर में लगभग सभी होटलों और चाय की दुकानों, किराना स्टोरो पर कम उम्र के बच्चे काम करते देखे जा सकते है। की तो किसी को बाल श्रम कानून की जानकारी नहीं है या ये बाल श्रमिक कम पैसे में काम करने के लिए तैयार है ।जिससे इन काम कराने वाले लोगो को मोटी कमाई करने में आसानी होती है । जहा एक व्यस्क व्यक्ति दिन के काम के लिए पूरी मजदूरी लेगा वही ये बच्चे कम पैसे में उपलब्ध हो जाते है । जिनके कंधे पर कापी किताब के बस्ते होने चाहिए ये कंधे लोगो का बोझ उठा रहे है । इस तरफ किसी का ध्यान ही नही जाता बाल श्रमिक अपने श्रम से लोगो की झोली भर रहे है । जिले प्रशासन को कीतो इसकी खबर नही है या तो सब जानबूझ कर अनदेखा किया जा रहा है ।

क्या कहता है बाल श्रम कानून ।

14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी कारखाने, खान या अन्य खतरनाक गतिविधियों जैसे निर्माण कार्य या रेलवे में रोजगार पर प्रतिबंध लगाता है। यह पूर्णत: निषेध है।
अक्टूबर 2006 में, सरकार ने बाल श्रम (उन्मूलन और पुनर्वास) विधेयक, 2006 को बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 में संशोधन के रूप में पारित किया। वर्ष 2006 में, सरकार ने होटल, ढाबों, रेस्तरां, दुकानों, कारखानों, रिसॉर्ट, स्पा, चाय की दुकानों आदि जैसे व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में घरेलू नौकर या श्रमिकों के रूप में बच्चों के रोजगार पर प्रतिबंध लगा दिया। इसने चेतावनी दी कि 14 साल से कम उम्र के बच्चों को काम पर रखने वाला कोई भी व्यक्ति अभियोजन और दंडात्मक कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होगा।
बाल श्रम (निषेध और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2016 ने बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 में संशोधन किया
इसने मूल अधिनियम का नाम बदलकर बाल मजदूरी (निषेध एवं नियमन) अधिनियम, 1986 कर दिया है।

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