November 22, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर गोष्ठी आयोजित

चित्र प्रदर्शनी का डीएम-सीडीओ सहित सम्भ्रांत लोगों ने किया गया अवलोकन

संत कबीर नगर (राष्ट्र की परम्परा)। जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर के मार्गदर्शन में शासन के मंशानुरूप जनपद में बुधवार 14 अगस्त को ‘‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’’ विभिन्न आयोजनों के मध्य मनाया गया।
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर कलेक्ट्रेट सभागर में जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर की अध्यक्षता में आयोजित गोष्ठी में सभी ने विभाजन विभीषिका पर आधारित डाक्यूमेन्ट्री फिल्म को देखा और लाखों लोगों का विस्थापन, मानवीय त्रासदी की घटनाएं, मानवता और सभ्यता पर अत्याचार, ब्रिटिश शासन की दूषित मानसिकता को महसूस किया।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी श्री तंवर ने कहा कि शासन के मंशानुरूप ‘‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’’ मनाये जाने का मुख्य वजह यह है कि हम सब इस ऐतिहासिक घटना जिसने मानवता के इतिहास में अभूतपूर्ण सर्वनाश किया है को देख कर, समझ कर उसे याद रखे और स्वंय को और अपने आने वाली पीड़ियों को भी बताये जिससे भविष्य में कभी भी इस प्रकार की घटना न दोहरायी जाए, जिससे मानवता को शर्मसार होना पड़े। उन्होंने ‘‘विभाजन विभीषिका को दुनिया की सबसे बड़ी त्रासदियों में एक बताया। जिलाधिकारी ने कहा कि देश का विभाजन किसी विभीषिका से कम नहीं था। भारत के लाखों लोगों ने बलिदान देकर आजादी प्राप्त की थी। ऐसे समय पर देश का दो टुकड़ों में बँट जाने का दर्द लाखों परिवारों में एक गहरे जख्म की तरह घर कर गया। भारत के इस भौगोलिक बंटवारे ने देश के लोगों को सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक तथा मानसिक रूप से झकझोर दिया था। उन्होंने कहा कि सत्य घटनाओं पर आधारित त्रासदी की डाक्यूमेन्ट्री फिल्म देखने के बाद जो अन्तर्मन से पीड़ा निकली है वह बहुत ही दर्दनाक है और विभाजन के समय की त्रासदी को जिस परिवार ने झेला है हम उसकी कल्पना भी नही कर सकते है। विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस हमें न सिर्फ भेद-भाव, वैमनस्यता एवं दुर्भावना को खत्म करने की याद दिलायेगा बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानव सशक्तीकरण की प्रेरणा मिलेगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि आज हमे संकल्प लेना है कि हम सभी आपसी भाई-चारे की भावना के साथ मानवीय एवं सामाजिक सौहार्द को बनाये रखेंगे।
अपर जिलाधिकारी जय प्रकाश ने कहा कि हम सबको ‘‘विभाजन विभीषिका’’ जैसी भयावह और अत्याचार वाली त्रासदी से सीख लेकर भविष्य में भारत की गंगा-जमुनी तहजीब को सजोये रखने में आपसी समझदारी एवं भाई-चारे के साथ राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देना है। उन्होंने कहा कि आज का दिन इतिहास के पन्ने में बहुत ही दर्दनाक लिखा गया है। उन्होंने कहा कि हमें पुराने इतिहास को याद रखते हुए भविष्य में ऐसी भयावह स्थिति कभी न आये इसके लिए आज के दिन से सीख लेना है। उन्होंने कहा कि हम सबको इस त्रासदी को अपने यादों में रखना है और अपना अभूतपूर्व योगदान देखकर अखण्ड भारत के निर्माण में सहयोग करना है।
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर आयोजित गोष्ठी में अध्यक्ष गुरूद्वारा खलीलाबाद सरदार अजीत सिंह एवं सतविन्दर पाल सिंह उर्फ जज्जी ने विभाजन के दौरान अपने पूर्वजों द्वारा झेली गयी दर्दनाक मंजर की यादों को सांझा करते हुए कहा कि वह समय बहुत ही पीड़ादायक था जिसे याद रखते हुए भविष्य में इस प्रकार की कोई घटना न हो इसके लिए हम सभी को आज संकल्प लेना है जिससे हम एवं हमारी आने वाली पीढ़िया अमन-चैन एवं शांति के साथ एक दूसरे से मिलकर स्वस्थ्य समाज के निर्माता बनें और अपने जनपद व देश के विकास में अपना योगदान दे सकें।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी जयकेश त्रिपाठी, जिला विकास अधिकारी सुरेश चंद्र केसरवानी, उप जिलाधिकारी खलीलाबाद शैलेश कुमार दूबे, जिला विद्यालय निरीक्षक हरिश्चंद्र नाथ सहित सदर धर्म सिंह, परविन्दर सिंह, रविन्द्र पाल सिंह, शैंकी सिंह, राजपाल, अमरीत सिंह, गुरमीत सिंह, शानू सिंह, सवि सिंह सहित अधिकारी-कर्मचारीगण तथा जनपद के सम्भ्रान्त नागरिकगण आदि उपस्थित रहे।