Tuesday, December 23, 2025
Homeउत्तर प्रदेशतटबंध का कार्य पूर्ण होने की कगार पर खामियां बरकरार

तटबंध का कार्य पूर्ण होने की कगार पर खामियां बरकरार

भागलपुर /देवरिया (राष्ट्र की परम्परा) कहीं 45 तो कहीं 40 डिग्री के एंगल पर बिछ रहा बोल्डर। कोई मापदंड नहीं ,कोई मानक नहीं, जैसे तैसे कार्य पूर्ण करने में लगे ठेकेदार। किसी तरह तटबंद कार्य पूर्ण करने में लगे ठेकेदार लेकिन खामियां अभी भी बरकरार है। नदी का जलस्तर भी बढ़ रहा है, जिसको देखते हुए पत्थर बिछाने का कार्य जोरों शोरों पर चल रहा है।
आपको बता दे की भागलपुर तटबंध परियोजना में कोई मापदंड नहीं अपनाया जा रहा है, और बाढ़ आते ही सब कुछ उसमें छुपाने की कोशिश की जा रही है। कई जगहों पर मिट्टी का अभाव को पूरा करने के लिए 25 से 30 डिग्री पर ही पत्थर बिछा दिए जा रहे हैं। कही कही 45 डिग्री पर पत्थर बिछाई जा रही हैं। यह 10 करोड़ की लागत से निर्मित होता सरयू (घाघरा) नदी का तटबंध सही दिशा दशा में ना लगने से और भी भयावह स्थिति उत्पन्न हो सकती है। नदी के कटान को रोकने के लिए प्रकृति द्वारा निर्मित कंक्रीट वाली भूमि को भी इन लोगों ने खोद दिया, जिससे उसे कंक्रीट वाली भूमि का विक्षेपण हो गया और उसे नदी की धारा कभी भी तोड़ देगी। जबकि पत्थर बेचने का कार्य कंक्रीट पर से ही हुआ होता तो और भी मजबूती आ जाती लेकिन कंक्रीट को 1 मी तोड़कर के पत्थर लगाए जा रहे हैं। यह भागलपुर पता नहीं कितने वर्षों से इस कंक्रीट के सहारे रुकी हुई थी। ऊपर की पथरीली भूमि को निकाल करके इन लोगों ने मिट्टी की जगह पर डाल दिया। जिससे पथरीली भूमि अब मुलायम मिट्टी में हो गई और नदी की धारा आएगी और मुलायम मिट्टी को बहा ले जाएंगी। क्योंकि उसके ऊपर कंक्रीट वाली भूमि थी जिसको इन लोगों ने निकाल कर के मिट्टी पूर्ति की जगह लगा दिया।
सूत्रों का कहना है कि अगर कुछ भी पूछने पर यह लोग धमकी देते हैं। ज्यादा इंजीनियर हुए हो , बहुत तुमको जानकारी है,ऐसे वहां कार्यरत ठेकेदार लोगों को बोल देते हैं। जो नदी के किनारे रह रहा है उसको कुछ नहीं मालूम होता है। इस बारे में इंजीनियर के या ठेकेदार से बात करना चाहे तो कोई सीधे मुंह बताने को राजी नहीं है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments