November 22, 2024

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

द्वितीय तथागत बुद्ध मिशन सोसाइटी अंबेडकर पार्क समिति कार्यक्रम ग्राम गढ़ी,(जजौर) में संपन्न

सीतापुर(राष्ट्र की परम्परा)
जनपद सीतापुर, विधानसभा क्षेत्र सिधौली, अटरिया मंडल के अन्तर्गत गढी (जजौर ) में चल रही विशाल धम्म देशान संविधान वाचन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधायक मनीष रावत मुख्य अतिथि के रूप में आगमन हुआ।
कार्यक्रम के अध्यक्ष/आयोजक मास्टर राम लाल गौतम , केशन गौतम (उपाध्यक्ष) कमलेश गौतम ( प्रबंधक) , राजकुमार (सुरक्षा प्रभारी) , शत्रोहन गौतम( कोषाध्यक्ष) अनिल कुमार गौतम ( पंचायत मित्र/ मंत्री) , नीरज भारती (व्यवस्थापक), अजय कुमार गुप्ता ( कार्यक्रम संचालक व सयोजक ) आनन्द कुमार (पूर्व प्रधान जजौर), अशोक कुमार गौतम( मास्टर साहब) नत्था राम , रमाशंकर द्विवेदी, नरेश चंद्र रावत , नरेंद्र कुमार रावत, उमाशंकर मिस्री, राजू रावत, सोहन , बंशी लाल रावत , डॉ. राज गुप्ता (गढ़ी), सौरभ गुप्ता (महामंत्री) मण्डल अटरिया, आकाश प्रताप, लवकुश, अभिषेक गौतम, प्रहलाद रावत, वर्षा रावत एवम् अन्य ग्राम वासी एवम् क्षेत्रवासियों ने मुख्य अतिथि मनीष रावत का व उनके साथ आएं हुए राजीव सिंह यादव, पिंकू गुप्ता ‘सेठ’, प्रमोद शुक्ल, नीरज सिंह, पंकज यादव आदि का स्वागत किया, और कार्यक्रम में अतिथि के रूप में आभार व्यक्त किया।
सभी के अथक प्रयासों से कार्यक्रम सफल हुआ, संगठन में ही शक्ति है , शिक्षित हो संगठित रहे !
कार्यक्रम के कथावाचक आनन्द राज ने बताया कि भगवान गौतम बुद्ध ने दुनिया को अहिंसा, करुणा और शांति से जुड़े उपदेश दिए हैं, जो हमारी जिंदगी में बदलाव ला सकते हैं, जीवन में खुशियां बांटने से बढ़ती हैं, इसलिए मनुष्य को हमेशा खुश रहना चाहिए और दूसरों को भी खुशियां देनी चाहिए ।
क्षेत्र के विधायक मनीष रावत ने कार्यक्रम के दौरान संबोधन में समाज के लिए अपने विचार व्यक्त किए_और जनता से अपील की -बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।- शिक्षा जितनी पुरुषों के लिए आवश्यक है, उतनी ही महिलाओं/ बच्चियों के लिए। -जो लोग स्वतंत्र होते हैं, उन्हें अपने अधिकारों के लिए लड़ना पड़ता है।
कार्यक्रम के संचालक/ संयोजक अजय कुमार गुप्ता ने अपने संबोधन में बताया की बाबा साहब को पूजने की जरूरत नहीं हैं, उनके आदर्श विचारों पर चलने और बाबा साहब को पढ़ने की जरूरत है, सभी शिक्षित हो, संगठित रहें, अपने मौलिक अधिकार एवं कर्तव्यों को पहचानें।