November 21, 2024

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गोरखपुर विश्वविद्यालय ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी के साथ अकादमिक क्षेत्र में ला रहा क्रांति

गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करके विद्यार्थियों को डिग्री सर्टिफिकेट जारी करने के लिए एक अभूतपूर्व पहल की शुरूआत कर रहा है।
गोरखपुर विश्वविद्यालय इस अभिनव पहल को अपनाने वाले भारत के पहले विश्वविद्यालयों में से एक बनने की ओर अग्रसर है।
ब्लॉकचेन तकनीक के प्रयोग से अकादमिक प्रमाण-पत्रों के सत्यापन और प्रबंधन के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव आने वाला है। इसका उद्देश्य एक विकेन्द्रीकृत और सुरक्षित डिजिटल संग्रह (बहीखाता) पर डिग्री रिकॉर्ड को संग्रहीत करना है। विश्वविद्यालय का लक्ष्य इस नई ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके अपने छात्रों और पूर्व छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड की सुरक्षा, पारदर्शिता और पहुंच को बढ़ाना है।
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने इस पहल के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि “डिग्री जारी करने के लिए ब्लॉकचेन तकनीक को अपनाना नवाचार और अकादमिक उत्कृष्टता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह तकनीक न केवल अकादमिक प्रमाण-पत्रों को सत्यापित करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगी बल्कि हमारी डिग्रियों की प्रामाणिकता भी सुनिश्चित करेगी।”
ब्लॉकचेन तकनीक यह सुनिश्चित करती है कि एक बार डिग्री जारी होने के बाद, इसमें बदलाव या छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है, जिससे शैक्षणिक उपलब्धि का एक विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रिकॉर्ड उपलब्ध होता है। यह विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय छात्रों और पूर्व छात्रों के लिए फायदेमंद होगा, जिन्हें विदेश में रोजगार या आगे की पढ़ाई के लिए सत्यापित शैक्षणिक प्रमाण-पत्र की आवश्यकता होती है।
गोरखपुर विश्वविद्यालय इस पहल को लागू करने के लिए अग्रणी ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी प्रदाताओं के साथ साझेदारी कर रहा है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा में तकनीकी प्रगति में सबसे आगे रहे।