Friday, October 31, 2025
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लोक सभा क्षेत्र सलेमपुर आखिर किस करवट होंगे 25% सवर्ण मतदाता

भाटपार रानी/ देवरिया
(राष्ट्र की परम्परा)

आखिर 5 बार ब्राह्मण सहित 7 बार सवर्ण सांसद देने के बाद से अब निरंतर किसी भी पार्टी द्वारा किसी सवर्ण प्रत्याशी को टिकट क्यों नहीं मिल पा रहा है। सलेमपुर लोकसभा क्षेत्र में आखिर कार सवर्ण समाज के साथ ऐसा घोर अन्याय क्यों हो रहा है अब जनता मुखर हो रही है।
प्राप्त समाचार के मुताबिक बलिया जिले के 3 विधानसभा बेल्थरा रोड, बांसडीह और सिकंदरपुर तथा देवरिया के 2 विधानसभा सलेमपुर और भाटपार रानी से मिला कर निर्मित हुए इस सलेमपुर लोकसभा क्षेत्र में 17 लाख 61 हजार कुल मतदाता संख्या बताई जा रही हैं। जिसमें कि ब्राह्मण 15%, क्षत्रिय 4%,वैश्य 4% और कायस्थ 2% सहित कुल 25% सवर्ण मतदाता की संख्या बनती है, वर्तमान लोकसभा चुनाव में निर्णायक भूमिका इनकी अब होने जा रही है। वहीं यहां से 1952 और 1957 में विश्वनाथ राय, 1952 और 1967 में विश्वनाथ पांडेय, 1971 में तारकेश्वर पांडेय तथा 1980 और 1984 में रामनगीना मिश्र सांसद रह चुके हैं। इस तरह से देखा जाए तो 2 बार क्षत्रिय और 5 बार ब्राह्मण सहित कुल 7 बार सलेमपुर लोक सभा शीट पर सवर्ण सांसद रह चुके हैं । अब जबकि ये लगातार हासिये पर यहां किए जा रहे हैं तब अयोग्य सांसदों के कारण क्षेत्र के पिछड़ने को मुद्दा बनाते नजर आ रहे हैं।सलेमपुर के सवर्ण मतदाताओं को अपनी उपेक्षा पर अब भारी रोष है। वहीं 25% सवर्ण मतदाता अब तेजी से एकजुट होते दिख रहे हैं। वहीं आम मतदाता कि भी मांग है कि इस चुनाव में किसी योग्य,कर्मठ, ईमानदार स्वर्ण प्रत्यासी को टिकट मिलना चाहिए था जो अब घोषित प्रत्याशियों में किसी भी दल ने ऐसा नहीं किया आखिर क्यों…???
जो सवाल खड़े होने लगे हैं। यदि ऐसा ही रहा अब यदि बसपा इस बार यदि सलेमपुर संसदीय चुनाव में सवर्ण प्रत्याशी उतार रही है तब बहुत ही बड़ा उलट फेर देखने को मिल सकता है । जो कि सवर्ण सहित सभी मतदाताओं की निवर्तमान सांसद रविन्द्र कुशवाहा से घोर नाराजगी है । जो कि सलेमपुर में एंटी इन कांबेंशी/सत्ता के विरोध में रूझान का अंडर करेंट चलता दिख रहा है। जो सवर्ण समाज के बसपा के तरफ विकल्प के तौर पर अपनी नजर लगाए हुए हैं।विकासवादी योग्य,कर्मठ और ईमानदार प्रत्याशी भी चाहते हैं।ऐसे प्रत्याशी के रूप में उन्हें शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप महाराज, अब एक सर्वोत्तम विकल्प के रूप में दिख रहे हैं,यही कारण है कि स्वामी की लोकप्रियता क्षेत्र में दिन प्रतिदिन बढ़ती दिख रही है।

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