March 15, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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सड़क किनारे अतिक्रमण से हो रही घटनाएं

भागलपुर/ देवरिया( राष्ट्र की परम्परा) मईल थाना क्षेत्र के भागलपुर चौराहे पर एक पिकअप ढलान से उतरते ही सड़क किनारे लगी (खोपचे) गुमटी में टकरा गई। जिससे गुमटी क्षतिग्रस्त हो गई। जबकि वहां लोहे की सीढ़ी नुमा बनी जाल में पिकप जाकर टकरा गई,
जिससे गाड़ी का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। भागलपुर चौराहे पर सड़क के किनारे इतनी अतिक्रमण है की, आए दिन कोई न कोई घटनाएं होती रहती है। किसी के जान को खतरा नहीं हुआ। सड़क के किनारे दुकान लगने से गाड़ियों को पार्क करने में असुविधा होती है। दुकाने सड़क के किनारे होने से एक्सीडेंट का खतरा बढ़ जाता है।
आपको बताते चलें की रात्रि के समय एक पिकअप कहीं शादी से वापस लौट रहा था। भोर के लगभग चार से पांच बज रहे होगें पिकअप पर डीजे का सामान लदा हुआ था जो भागलपुर के रास्ते आ रहा था, पिकअप जो भागलपुर चौराहे पर पहुंचा ही था की चौराहे के पास ढलान पर ड्राइवर को सड़क के किनारे रखे हुए लोहे की जाल समझ में नहीं आया और उसमें जाकर टकरा गई। पिकअप के टकराने से गाड़ी अनियंत्रित हुई और चौराहे पर अण्डे की दुकान से जा टकराई जिससे दुकान व पिकप क्षतिग्रस्त हो गया। पिकअप का हुलिया ही बिगड़ गया। पिकअप और गुमटी की हालत देख ड्राइवर घबरा गया और पिकप छोड़ और वहां से चला गया।उसके जाते ही पिकअप में रखा सारा सामान लोग उठा ले गए जिसकी सूचना किसी ने भागलपुर पुलिस को दी, तो पुलिस मौके पर पहुंचकर मामले को अपने संज्ञान में लिया और पिकअप को भागलपुर पुलिस चौकी लेते गए।
सूत्रों के मुताबिक गाड़ी मालिक से लाखों रुपए का डिमांड किया गया।गाड़ी मालिक ने बोला कि मैं क्षतिग्रस्त हुई दुकान को बनवा दूंगा। फिर भी लोग मान नहीं रहे थे। जिस पर भागलपुर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि भी पहुंचे और लोगों को समझाया बुझाया लेकिन लोग मानने को राजी नहीं थे।
बता दे कि इस भागलपुर चौराहे का वह हाल है की चाटुकार दुकान लगवाने का अलग से फायदा उठाते है। बाहुबली अलग फायदा उठाते हैं। वोट बैंक की राजनीति वाले दुकान लगवाकर खुश कर, वोट बैंक बनाने का अलग फायदा उठाते हैं। वोट बैंक के नाम पर सड़कों के किनारे दुकान लगाते हैं। एक विशेष तबके के वर्चस्व को बनाए रखने के लिए सड़क के किनारे ठेली, खोमचे, चार्ट, फुलकी, पकोड़े तथा सब्जियों के दुकानों की भरमार हो जाती है। वर्चस्व के कारण वहां कोई किसी को बोलने को राजी नहीं है, जिसे ऐसी घटना हो जाती है। तो लोग एक दूसरे का मुंह ताकने लगते हैं। शाम होते ही सड़क के किनारे तक दुकानें लग जाती है। अपनी गाड़ियां लोग सड़कों पर खड़ा कर देते हैं । उसके बाद क्षेत्र की जनता सड़क से सटे दुकानों से समान खरीदती हैं। अगर कोई गाड़ी वाला अनियंत्रित हो जाए तो उससे पैसे की डिमांड कर देते हैं। प्रशासनिक लोग आते जाते हैं। लेकिन थोड़ा सा भी ध्यान नहीं देते हैं। क्योंकि समझौता गैंग और चाटुकार यहां हावी रहते हैं। इसी तरह हनुमान चौराहे पर दुकान लगते दुकानदारों जिन पर हर महीने कचरा का मुकदमा चलता है। वह हर महीने तहसील में जाकर अपना रसीद कटवाते हैं। हनुमान चौराहे के दुकानदार कहते हैं कि अगर इस बात की चर्चा करते तो डर बना रहता है कि कोई सूचना दे देगा तो पता नहीं और कैसी कैसी रसीदे कटवानी पड़ जाएगी।लेकिन भागलपुर चौराहे पर कोई रसीद नहीं लगती है। जहां कचरा का अंबार लग जाता है। जिसे ग्राम प्रधान द्वारा साफ कराया जाता है। ऐसा दोहरा चरित्र क्यों अपना रही यहां की पुलिस।
चुकीं वहां चाटुकार और वोट बैंक बनाने वाले ठेकेदार अपना सिक्का जमाने में लगे रहते हैं। कुछ साल पहले भागलपुर चौकी इंचार्ज रोड से हटकर दुकान लगवाते थे। लेकिन अब दुकान एकदम रोड पर लग रही हैं। वह भी दुकान व्यक्ति विशेष की लगती है। अन्य कोई अगर अपनी दुकान लगाना चाहे तो वह नहीं लग सकता है। क्योंकि वह किसी को फ्री का खिलाएगा नहीं। कब्रिस्तान के आगे अंडे की मीट मांस मछली की सारी दुकान भरी पड़ी है। रोड से एकदम सटी हुई है। इस रास्ते आते हुए बड़े-बड़े अधिकारी, समाज सेवी थोड़ा भी ध्यान नहीं दे रहे है। आखिर सार्वजनिक स्थलों पर कब तक होता रहेगा अतिक्रमण और इस अतिक्रमण का कारण क्या है। भागलपुर बाईपास सड़क से लेकर में चौराहे तक सड़क के किनारे इतना अतिक्रमण है की आए दिन कोई ना कोई एक्सीडेंट हो ही जाता है लोगों को केवल बड़ी घटना का इंतजार रहता है छोटी घटना होते ही इन समस्याओं से निजात मिल जाता तो शायद ही ऐसी नौबत आती फिलहाल सुलह समझौते के बाद दुकान को बनवाने के लिए गाड़ी मालिक राजी हो गए और डीजे की लूटी हुई सामान लोगों के मुताबिक वापस मिल गया है।